आंध्र प्रदेश सरकार में नयी औद्योगिक नीति, 10 क्षेत्रों की पहचान
8/10/2020 6:59:39 PM
अमरावती, 10 अगस्त (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को नई औद्योगिक नीति 2020-23 पेश की। इसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने और विनिर्माण के जरिये बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा समेत 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गयी है।
सरकार ने नियोजित औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने और राज्य में पर्यावरण प्रभावित किये बिना उद्योग स्थापित करने के लिये जोखिम मुक्त, निवेश अनुकूल माहौल सृजित करने को लेकर औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान की है।
राज्य के उद्योग और बुनियादी ढांचा मंत्री मेकापित गौतम रेड्डी ने नई नीति पेश करते हुए कहा, ‘‘नई औद्योगिक नीति में निवेश को जोखिम मुक्त करना उसकी महत्वपूर्ण विशेषता है। हम ‘वाईएसआर एपी वन’ ला रहे हैं। यह अधिकार प्राप्त बहुआयामी व्यापार केंद्र होगा। यह उद्योगों के लिये एक ही जगह संसाधन और मदद मुहैया कराने के केंद्र के रूप में काम करेगा।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘वाईएसआर एपी वन निवेशकों को औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के मामले में हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा। औद्योगिकी इकाई स्थापित होने के बाद उन्हें बाजार पहुंच, नई प्रौद्योगिकी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।’’
उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत संभावित निवेशकों के लिये प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें मझोले और बड़े उद्योगों के लिये पांच साल तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर की वापसी (स्थिर पूंजी निवेश के अनुपात में निर्धारित) शामिल है, जो रोजगार सृजन से जुड़ा है।
नई नीति में मौजूदा पट्टा और खरीद मॉडल की जगह समग्र पट्टा और खरीद मॉडल लाया गया है। इसके तहत उद्योगपति 10 साल तक सफलतापूर्वक इकाई चलाने के बाद जमीन खरीद सकते हैं।
रेड्डी ने कहा, ‘‘राज्य के लिये रोजगार सृजन के लिहाज से विनिर्माण क्षेत्र उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। सरकार राज्य में औद्योगिकरण को गति देने के लिये संरचनात्मक सुधार लाएगी। हमारा मानना है कि सही लागत पर उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और पारदर्शी तरीके से मंजूरी औद्योगिक क्षेत्र की सफलता के लिये महत्वपूर्ण है।’’
नई औद्योगिक नीति में सरकार ने जिन क्षेत्रों पर जोर देने की बात कही है, उसमें खाद्य प्रसंस्करण, औषधि और जैव-प्रौद्योगिकी, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जूता-चप्पल और चमड़े के सामान, खिलौना और फर्नीचर, पेट्रोरसायन, एयरोस्पेस और रक्षा, वाहन और कल-पुर्जे, मशीनरी और खनिज आधारित उद्योग शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सरकार ने नियोजित औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने और राज्य में पर्यावरण प्रभावित किये बिना उद्योग स्थापित करने के लिये जोखिम मुक्त, निवेश अनुकूल माहौल सृजित करने को लेकर औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान की है।
राज्य के उद्योग और बुनियादी ढांचा मंत्री मेकापित गौतम रेड्डी ने नई नीति पेश करते हुए कहा, ‘‘नई औद्योगिक नीति में निवेश को जोखिम मुक्त करना उसकी महत्वपूर्ण विशेषता है। हम ‘वाईएसआर एपी वन’ ला रहे हैं। यह अधिकार प्राप्त बहुआयामी व्यापार केंद्र होगा। यह उद्योगों के लिये एक ही जगह संसाधन और मदद मुहैया कराने के केंद्र के रूप में काम करेगा।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘वाईएसआर एपी वन निवेशकों को औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के मामले में हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा। औद्योगिकी इकाई स्थापित होने के बाद उन्हें बाजार पहुंच, नई प्रौद्योगिकी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।’’
उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत संभावित निवेशकों के लिये प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें मझोले और बड़े उद्योगों के लिये पांच साल तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर की वापसी (स्थिर पूंजी निवेश के अनुपात में निर्धारित) शामिल है, जो रोजगार सृजन से जुड़ा है।
नई नीति में मौजूदा पट्टा और खरीद मॉडल की जगह समग्र पट्टा और खरीद मॉडल लाया गया है। इसके तहत उद्योगपति 10 साल तक सफलतापूर्वक इकाई चलाने के बाद जमीन खरीद सकते हैं।
रेड्डी ने कहा, ‘‘राज्य के लिये रोजगार सृजन के लिहाज से विनिर्माण क्षेत्र उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। सरकार राज्य में औद्योगिकरण को गति देने के लिये संरचनात्मक सुधार लाएगी। हमारा मानना है कि सही लागत पर उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और पारदर्शी तरीके से मंजूरी औद्योगिक क्षेत्र की सफलता के लिये महत्वपूर्ण है।’’
नई औद्योगिक नीति में सरकार ने जिन क्षेत्रों पर जोर देने की बात कही है, उसमें खाद्य प्रसंस्करण, औषधि और जैव-प्रौद्योगिकी, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जूता-चप्पल और चमड़े के सामान, खिलौना और फर्नीचर, पेट्रोरसायन, एयरोस्पेस और रक्षा, वाहन और कल-पुर्जे, मशीनरी और खनिज आधारित उद्योग शामिल हैं।
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