आंध्र प्रदेश सरकार ने आबकारी शुल्क के भुगतान के बिना अन्य राज्यों से शराब के परिवहन पर रोक लगायी
10/26/2020 7:02:12 PM
अमरावती, 26 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने राजस्व का नुकसान रोकने के प्रयास के तहत सोमवार को एक आदेश जारी करके बिना आबकारी शुल्क के भुगतान के अन्य राज्यों से शराब के परिवहन पर रोक लगा दी।
यह पिछले साल अक्टूबर में जारी एक सरकारी आदेश की जगह लेगा जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को परमिट या लाइसेंस के बिना तीन बोतल शराब रखने की अनुमति दी गई थी। अब, यहां तक कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी कोई राज्य के बाहर से शराब नहीं ला सकता है।
सरकार के संज्ञान में आया था कि कई मामलों में राज्य के बाहर से शराब सीमा शुल्क, अन्य शुल्क आदि के भुगतान के बिना आंध्र प्रदेश में लायी जा रही थी।
विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) रजत भार्गव ने आदेश में कहा कि इससे सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर अंकुश लगाने के लिए दूसरे राज्यों से शराब के परिवहन पर रोक लगायी जा रही है।
हाल के महीनों में तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों से शराब की तस्करी तेज हो गई थी क्योंकि आंध्र प्रदेश सरकार ने दरों में 75 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
इसके अलावा, लोगों को इसके सेवन से हतोत्साहित करने के लिए शराब की दुकानों की संख्या भी कम कर दी गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यह पिछले साल अक्टूबर में जारी एक सरकारी आदेश की जगह लेगा जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को परमिट या लाइसेंस के बिना तीन बोतल शराब रखने की अनुमति दी गई थी। अब, यहां तक कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी कोई राज्य के बाहर से शराब नहीं ला सकता है।
सरकार के संज्ञान में आया था कि कई मामलों में राज्य के बाहर से शराब सीमा शुल्क, अन्य शुल्क आदि के भुगतान के बिना आंध्र प्रदेश में लायी जा रही थी।
विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) रजत भार्गव ने आदेश में कहा कि इससे सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर अंकुश लगाने के लिए दूसरे राज्यों से शराब के परिवहन पर रोक लगायी जा रही है।
हाल के महीनों में तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों से शराब की तस्करी तेज हो गई थी क्योंकि आंध्र प्रदेश सरकार ने दरों में 75 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
इसके अलावा, लोगों को इसके सेवन से हतोत्साहित करने के लिए शराब की दुकानों की संख्या भी कम कर दी गई थी।
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