CM शिवराज, वीडी शर्मा और मंत्री के खिलाफ 10 करोड़ का मानहानि केस, विवेक तन्खा ने रिकॉर्ड कराया बयान

4/29/2023 5:59:01 PM

जबलपुर (विवेक तिवारी): राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) और मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) के खिलाफ 10 करोड़ के मानहानि का मामला दर्ज करवाया है। जबलपुर जिला न्यायालय (Jabalpur dist court) में जिस पर आज सुनवाई हुई। राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा का कोर्ट में रिकॉर्ड दर्ज करवाया। सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा कोर्ट पहुंचे और अपने बयान दर्ज करवाए।

राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा मेरे साथ गलत हुआ है, इसी वजह से मैं न्यायालय में आया हूं, मेरे साथ न्याय होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में मैंने जो पिटीशन लगाईं, उसमें मैंने ओबीसी आरक्षण या ओबीसी से संबंधित कोई बात नहीं कही थी। मैंने सिर्फ ये कहा था कि पंचायत चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल केस के तहत मुझे सुना। सुनवाई के दौरान एजी मध्य प्रदेश, सॉलीसीटर जनरल, शासन और इलेक्शन कमीशन भी मौजूद थे।

मामले में 17 जनवरी 2022 को अंतिम सुनवाई के लिए रखा था। इस मामले में कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को कहा कि आप गैर कानूनी तरीके से चुनाव कराके क्या हासिल करेंगे? कोर्ट ने कहा कि अगर आरक्षण गैर कानूनी लगा तो 17 जनवरी को रद्द कर दिया जाएगा। जिससे शासन का पैसा खराब होगा। जिसके बाद कोर्ट ने एमपी सरकार और चुनाव आयोग से पूछा कि महाराष्ट्र बनाम सरकार को लेकर जो निर्णय हुआ है, उसको लेकर एमपी सरकार ने क्या किया? जिसको लेकर एमपी सरकार के पास कोई उत्तर नहीं था। जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि कोर्ट के निर्णय के साथ खिलवाड़ नहीं करते। कोर्ट ने महाराष्ट्र के मामले में ट्रिपल टेस्ट की जो बात कही थी वो पंचायत चुनाव में पूरे देश में लागू होगी।

इस प्रोसिडिंग के दौरान सरकार, इलेक्शन कमीशन, एजी मध्य प्रदेश, सॉलीसिटर जनरल सब मौजूद थे। सबने देखा और सुना कि मेरी याचिका से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई संबंध नहीं था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एमपी सरकार संकट में पड़ गई सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रची गई। इस साजिश में सीएम शिवराज,भूपेंद्र शर्मा, वीडी शर्मा शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन सभी सोशल मीडिया, अखबार और टीवी चैनल पर फ्रंट न्यूज पर मुझे जिम्मेदार ठहराया गया कि इनकी वजह से एमपी सरकार ओबीसी आरक्षण दिलाने में नाकाम रही। पूरे मध्य प्रदेश में मेरी छवि को धूमिल किया गया। इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया।

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