इंदौर के 100 में से 10% अस्पतालों के पलंग ICU और पी PICU में तब्दील, कलेक्टर ने दिए निर्देश

12/14/2021 7:20:44 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): कोरोना वायरस के बढ़ते कदमों की आहट और शहर के अस्पतालों में पलंग की संख्या को लेकर इंदौर स्वास्थ विभाग के प्रमुख डॉक्टर भूरे सिंह सेत्या से पंजाब केसरी ने बातचीत की और उनके द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सबसे पहले हाल ही में सामने आने वाले मरीजों में छोटे बच्चे भी पॉजिटिव मिलने और उनको मिलने वाले इलाज की हकीकत बताई साथ ही ये भी बताया कि पॉजिटिव मिले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है। ओमीक्रोन को लेकर ज़िम्मेदार ने कहा कि जिनोम सीक्वेंस करायेगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सत्या ने इंदौर भर में अस्पतालों में पलंगों की संख्या को लेकर जिलाधीश से मिले निर्देश का जिक्र भी किया। इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले यात्रियों को लेकर भी किस तरह और कौन सी जांच की जा रही है यह बात भी डॉक्टर सत्या ने मीडिया को अवगत कराया।


इंदौर सहित देशभर में अभी कोविड के ओमिक्रान वेरिएंट को लेकर चिंता जताई जा रही है, जबकि इंदौर में पहले से मौजूद डेल्टा वेरिएंट अब भी मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। आपको बता दे की पिछले दिनों नाइजीरिया से अपनी मां के साथ लौटे दोनों बच्चों की इंदौर में हुई जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है। फिलहाल ये दोनों बच्चे एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती है। जांच में दो बार बच्चों की मां की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। हालांकि बच्चों के लिए मां भी फिलहाल एमआरटीबी अस्पताल में अलग कक्ष में रह रही है और बच्चों को दूर से देख उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है। एमआरटीबी अस्प्ताल में फिलहाल कोविड संक्रमित पांच मरीज भर्ती है।



बढ़ते मरीजों और मरीजों को अस्पतालों में रखने की कवायद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा पहले ही शुरू की जा चुकी है और इसी के मद्देनज़र शहर के निजी अस्पतालों को 100 प्रतिशत में से 10 प्रतिशत पलंग को आईसीयू और पीआईसीयू में तब्दील करने के निर्देश जारी कर किए गए है। जिसको लेकर डॉक्टर सेत्या ने कहा कि यदि मरीज अपनी मर्जी से निजी अस्पताल में जाना चाहता है तो उसको इलाज मिलने में कोई परेशानी ना हो। हालांकि फ़िलहाल में एम्आरटीबी अस्पताल में कोरोना के मरीजों को पूरा इलाज दिया जा रहा है।

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