MP की जेलों में बंद 42 हजार कैदी नहीं दे सकेंगे वोट, जानिए वजह

10/24/2018 1:33:45 PM

भोपाल: जेल में रहकर कैदियों को चुनाव लड़ने का अधिकार तो है, लेकिन मतदान करने का नहीं।  हर बार की तरह इस बार भी मध्य प्रदेश की जेलों में बंद 42 हजार विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी अपने मत का उपयोग नहीं कर सकेंगे। विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की जेलों में बंद करीब 100 कैदी ही मतदान कर सकेंगे, बाकि कैदियों का नाम मतदाता सूची में तो है,  लेकिन उन्हें मतदान करने का अधिकार नहीं है। प्रदेश की सियासत में सालों पहले किशोर समरीते ने बालाघाट और सुखलाल ने सतना सेंट्रल जेल में बंद रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 


जानकारी के अनुसार तीन साल से कम की सजा पाने वाला व्यक्ति जेल में रहकर ही चुनाव लड़ सकता है, लेकिन जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी को मतदान का अधिकार नहीं है। रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 19951 की धारा 62(5) के तहत ऐसा कोई व्यक्ति जो न्यायिक हिरासत में है या फिर किसी अपराध में सजा काट रहा है, वह वोट नहीं कर सकता। जिन कैदियों को मतदान का अधिकार है, वो डाकमत पत्र से वोट कर सकते है। लेकिन कानूनी नियमों के दायरे में आने वाले कैदी वोट नहीं दे सकते।  इनके लिए विशेष नियम और कायदे हैं, जिनका पालन शासन और प्रशासन कर रहा है। 

 

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