दो कि.मी. दूर पैदल चलकर भोजन लेने पहुंचा विकलांग बुजुर्ग, सोशल डिस्टेंस की पालना कर लोगों के लिए बने

4/20/2020 1:36:35 PM

अशोकनगर(भारतेंदु बैंस): लॉकडाउन के कारण काम धंधा ठप्प हो गया है। आलम यह है कि दिहाड़ीदार लोग एक वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज है। ऐसे में कई लोग समाजसेवियों द्वारा मुफ्त में बांटा जाने वाले भोजन या सामग्री को पाने के लिए टूट पड़ते हैं। नतीजन लॉकडाउन जो कि कोरोना को हराने के लिए लागू किया गया है, धज्जियां उड़ाते हैं। लेकिन समाज में कई ऐसे भी लोग हैं जो चाहे कितने भी मजबूर क्यों न हो लॉकडाउन की पालना कर रहे हैं। एक ऐसी ही मिसाल अशोकनगर जिले के एक विकलांग बुजुर्ग ने पेश ने पेश की। जहां अप्रैल की तपती दोपहर में तेज धूप के बीच परिवार की भूख मिटाने की चिंता के बीच जब लोगों से जानकारी मिली की पूर्व विधायक के ऑफिस से राशन वितरण हो रहा है तो भगवत सिंह बैसाखी के सहारे 2 किलोमीटर तक चल कर राशन लेने पहुंचा।

वहां देखा तो सोशल डिस्टेंस की वजह से लंबी लाइन लगी हुई थी विकलांग बुजुर्ग भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए गोल घेरे में खड़ा हो गया लेकिन जब बहुत तेज धूप हुई तो पैर से विकलांग बुजुर्ग का खड़ा रहना असहनीय हुआ। तभी इस बुजुर्ग ने अपना कृत्रिम पैर(नकली) निकालकर गोल घेरे में रख दिया और बैसाखी के सहारे छांव में जाकर बैठ गया लेकिन जब इस दिव्यांग पर पूर्व विधायक जजपाल सिंह की नजर पड़ी तो उन्होंने भोजन तो दिया ही साथ ही तांगा बुलवाकर बुजुर्ग को घर तक पहुंचाया। इतना ही नहीं लॉक डाऊन तक उसके घर राशन व भोजन भेजने की व्यवस्था कर दी ।

दिव्यांग बुजुर्ग ने बताया कि 7 साल पहले ट्रेन हादसे में उसका पैर कट गया था तब से ही वह असहाय हो गए हैं उसके घर में 6 सदस्य हैं और घर में खाने के लिए कुछ नहीं बचा।

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