आष्टा में बनी 51 फीट लंबी भगवान पद्मनाथ स्वामी की मूर्ति, सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में आस्था और आकर्षण का बनेगी केंद्र

10/25/2022 6:52:11 PM

आष्टा(रायसिंह मालवीय): बहुत कम समय में देश-विदेश में ख्याति पाने वाले राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का कुबेरेश्वर धाम अब जल्द ही एक और इतिहास रचने जा रहा है। यह इतिहास रचेगी कुबेरेश्वर धाम में लगने वाली शेषनाग पर विराजित शयन रूप में बनी भगवान पद्मनाथ स्वामी की मूर्ति, जो इस आश्रम में श्रद्धा के साथ भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।
आष्टा नगर के युवा कलाकार राकेश कुशवाह के निर्देशन में आष्टा एवं कोलकाता के कलाकारों की 8 महीने की कड़ी मेहनत के बाद फाइबर से बनी लगभग 30 कुंटल बजनी भगवान पद्मनाथ स्वामी की मूर्ति आज कुबेरेश्वर धाम में लगने के लिए आष्टा से रवाना हुई। श्री सिध्द विनायक फायबर कन्नौद रोड पाटीदार छात्रावास के सामने स्थित प्रांगण से उक्त निर्मित होकर बड़े ट्राले में रखा कर सीहोर के लिए रवाना हुई उक्त भगवान की मूर्ति को देखने पूरे कन्नौद रोड पर भक्तों की भीड़ लग गई।

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श्री सिद्दी विनायक फायबर के राकेश कुशवाहा ने निर्मित उक्त भगवान की मूर्ति को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कथावाचक संत पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) के सीहोर के पास स्थित कुबेरेश्वर धाम के एक भक्त ने उक्त मूर्ति का निर्माण कराया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति की लागत को देखकर नहीं बल्कि भक्त की भावना को ध्यान में रखते हुए बनाया है। यह मूर्ति फायबर से बनी है। जो लगभग 30 कुंटल वजन की है। इसको बनाने में आष्टा के साथ-साथ कलकत्ता के कलाकारों की कड़ी मेहनत है तथा 8 माह के कड़े परिश्रम के बाद उक्त मूर्ति का निर्माण हुआ है। यह मूर्ति लगभग 51 फीट की है जो शयन रूप में है। उक्त मूर्ति कुबरेश्वर धाम में शेषनाग पर विराजित की जाएगी तथा शेषनाथ के जो फन होंगे वह भगवान के ऊपर आएंगे। उक्त मूर्ति के निर्माण में कई कलाकारों का योगदान रहा। वही फायबर से बनी उक्त मूर्ति जो कुबरेश्वर धाम में लगेगी, उसको इस तरह से बनाया गया है कि यह बारिश, धूप, ठंड आदि मौसम को स्वीकार कर सके। लेकिन फिर भी कुछ वर्षों के अंतराल में इस मूर्ति का पुनः कलर कराना जरूर होगा। निश्चित रूप से यह आष्टा के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। संभवतः आष्टा ही नहीं बल्कि पूरे भोपाल संभाग में इतनी बड़ी मूर्ति का निर्माण आष्टा में होना तथा आष्टा के कलाकारों द्वारा यह मूर्ति बनाना निश्चित रूप से यह कला-कलाकार की कलाकृति है और इसके लिए श्री सिद्धिविनायक फायबर के प्रमुख राकेश कुशवाहा निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं, तथा उन्होंने उनके मार्गदर्शन में कलाकारों की कला को जो आकृति दी है वह भी सराहनीय है।


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Content Writer

meena

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