PM मोदी के बर्थडे पर अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क आएंगे 8 चीते, 70 साल बाद देश में फिर दिखेंगे चीते, हेलिकॉप्टर से होगी शिफ्टिंग

9/9/2022 4:23:45 PM

श्योपुर (जेपी शर्मा): मध्य प्रदेश में पीएम मोदी के जन्मदिन खास तरीके से मनाने की तैयारी चल रही है। इस दिन 17 सितंबर को  70 साल से देश में लुप्त श्रेणी में रखे गए चीते श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में नजर आएंगे। दरअसल, जमीन पर सबसे तेज दौड़ने वाले प्राणी चीतों को देश में बसाने की भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत नर एवं मादा चीतों को अफ्रीका के नमीबिया से यहां लाया जा रहा है। इन्हें लाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। पहले चरण में 8 चीते (5 मेल और 3 फीमेल) नामीबिया से लाए जा रहे हैं। इसके लिए सबसे अनिवार्य शर्त थी कि साउथ अफ्रीका दल कूनो आकर देखे कि यहां का इन्वायर्नमेंट चीतों के अनुकूल है या नहीं। दो दिन तक कूनो पार्क में रहकर दल पूरी तरह संतुष्ट है। अब सभी की निगाहें 17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हैं। इसी दिन वे कूनो आकर इन चीतों को यहां छोड़ेंगे। पीएम मोदी के दौरे के लिए हेलीपैड दस दिन पहले ही तैयार कर लिया गया है।

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इन चीतों को बड़े स्थानों पर स्थानांतरित करने के पहले शुरू में छोटे लेकिन खुले बाड़े में रखा जाएगा और जब वे एक बार स्थानीय वातावरण के साथ अभ्यस्त हो जायेंगे तो विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा के बाद नर चीतों को खुले वन क्षेत्रों में छोड़ दिया जाएगा और इसके बाद मादा चीतों को मानक प्रोटोकॉल के अनुसार छोड़ा जाएगा।

आमतौर पर नर चीते जंगल में दो से तीन के छोटे समूह में रहते हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को प्रधानमंत्री के शामिल होने वाले चीता प्रतिस्थापना कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। आयोजन के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान राज्य के वन मंत्री विजय शाह और अन्य शीर्ष अधिकारी चौहान के साथ थे। समीक्षा बैठक के दौरान चौहान ने कहा, "चीतों को नामीबिया से केएनपी में स्थानांतरित करके उनका पुनर्वास करना राष्ट्रीय महत्व का काम है।" बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी दो नर चीतों को एक बाड़े में और एक मादा चीता को दूसरे बाड़े में छोड़ेंगे। बैठक में सीएम ने चीतों के लिए पर्याप्त शिकार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।

अधिकारी ने कहा कि वन कर्मचारियों ने चीतों के प्रबंधन के लिए नामीबिया में प्रशिक्षण लिया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि केएनपी में चीतों के लिए अच्छा शिकार आधार है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने भी चीतों के पुनर्वास के लिए देश में लगभग दस स्थानों की तलाशी लेने के बाद इस क्षेत्र का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का स्थानान्तरण रिकॉर्ड अच्छा रहा है क्योंकि 2009 में पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक पुन: लाया गया था। अधिकारी ने कहा कि 750 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले केएनपी में करीब दो दर्जन चीतों के लिए पर्याप्त जगह है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, श्योपुर और उससे सटे शिवपुरी जिले के बीच 3,000 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे तेज गति से चलने वाले जानवर को रहने के लिए पर्याप्त जगह देगा।

मुख्यमंत्री ने 17 सितंबर को श्योपुर जिले के कराहल में आयोजित होने वाले महिला स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम की तैयारियों की भी समीक्षा की। मोदी 17 सितंबर को कराहल में महिला स्वयं सहायता समूहों के एक समारोह को भी संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। बता दें कि देश में अंतिम चीते की मृत्यु 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो वर्तमान छत्तीसगढ़ में है। इस प्रजाति को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित किया गया था। अफ्रीका चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया 2009 से चल रहा है जिसने हाल ही के कुछ सालों में गति पकड़ी है। भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।


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meena

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