PM मोदी का फेक AI-वीडियो बनाकर कर रहा था दुकान का प्रचार, मांगनी पड़ी माफी, नहीं तो नप जाते!

Thursday, Oct 16, 2025-12:48 PM (IST)

सागर: सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक एआई-जनरेटेड वीडियो वायरल होने से विवाद खड़ा हो गया। वायरल क्लिप में प्रधानमंत्री को दिखाया गया है कि वे दुकान संचालक अतुल जैन से हाथ मिलाते हैं और मोबाइल खरीदते हुए निकलते हैं — लेकिन स्थानीय अधिकारियों और पक्षकारों के अनुसार यह वीडियो वास्तविक नहीं, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से बनाया गया प्रतीत होता है।

घटना के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी ने बताया कि अतुल जैन ने गलती स्वीकार कर वीडियो हटा दिया है और दूसरा वीडियो जारी कर माफी मांगी है। तिवारी ने कहा कि अतुल द्वारा माफी मांगने के कारण फिलहाल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। वहीं, इस मामले की कानूनी परत पर अधिवक्ता मयंक प्रजापति ने कहा कि वायरल वीडियो से संबंधित कई धाराओं के तहत मामला बन सकता है — उन्होंने संभावित उल्लंघनों में बेजा प्रचार/मानहानि से जुड़ी धाराएँ (BNS की धारा 319(2), 336(3), 340(2)), आईटी एक्ट की धारा 66D (ठगी/फर्जी संदेश) और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 21 का हवाला दिया। प्रजापति के मुताबिक, अगर किसी की छवि का गलत उपयोग कर जनता को गुमराह किया गया हो तो शिकायत दर्ज की जा सकती है और आगे की जांच होनी चाहिए।

घटना का असर और चेतावनी
सोशल मीडिया पर फैलने वाले ऐसे एआई-मेडिया से राजनीतिक हस्तियों, आम नागरिकों और व्यापारियों की छवि प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों और कानूनी सलाहकारों का मानना है कि सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर किसी भी वीडियो को बिना सत्यापित किए साझा करना गलत अफवाहों और कानूनन दायित्वों को जन्म दे सकता है। इस घटना ने एक बार फिर से डिजिटल मीडिया में जिम्मेदारी और ऑडिट-ट्रेल की जरूरत पर सवाल उठाए हैं, खासकर जब बात पॉपुलर और संवेदनशील शख्सियतों की हो।

अभी स्थिति यह है: अतुल जैन ने क्लिप हटाकर माफी माँग ली है और स्थानीय पार्टी प्रतिनिधि फिलहाल मामला शांत मान रहे हैं; किन्तु अधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि कोई भी प्रभावित पक्ष चाहें तो वैधानिक कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज करा सकता है — और सोशल मीडिया कंपनियों से भी स्रोत और पोस्टिंग-आइडेंटिटी की जानकारी मांगी जा सकती है।


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Content Writer

Vikas Tiwari