उम्र के आखिरी पड़ाव में शख्स को हुआ प्यार, लव मैरिज कराकर ले आया घर, बेटे ने दोनों को घर से निकाला
2/21/2022 8:54:28 PM
कांकेर(लीलाधर निर्मलकर): प्यार मोहब्बत के बारे में अक्सर एक बात कही जाती है कि प्यार कभी भी कही भी और किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है। एक और बात भी जगजाहिर है कि प्यार, मोहब्बत के दुश्मन भी हर दौर में सामने आ ही जाते हैं। कभी अपने तो कभी पराये ऐसा ही प्रेमलीला की अनोखी दास्ता कांकेर जिले के हाटकोंगेरा गांव से निकलकर सामने आई है। जहां उम्र के आख़िरी पड़ाव में एक बुजुर्ग ने 40 वर्षीय महिला से प्रेम विवाह कर अपनी एक अलग दुनिया बसा ली है जिसके मोहब्बत का विरोध कर सगा बेटा ही मोहब्बत का दुश्मन बन गया है। जिस पर बुजुर्ग पिता ने पुलिस की शरण में जाकर मदद की गुहार लगाई है। उम्र के आख़िरी पड़ाव में प्रेम विवाह कर अपनी दुनिया बसाने वाले बुजुर्ग ने कांकेर कोतवाली में गुहार लगाते हुए बताया है कि लगभग 10 वर्ष पूर्व उसकी पत्नी का स्वर्गवास हो चुका है। तब से वह अपने बेटों से अलग रहकर अपना गुजर बसर कर रहा था।
इसी बीच अपने ही समाज चारामा निवासी 40 वर्षीय महिला से प्रेम हो गया और 16 फरवरी 2022 को उसने प्रेम विवाह कर अपने घर ले आया जिसके बाद इसकी जानकारी अपने बेटे सहित समाज को दी जिस पर समाज ने व्यस्तता के चलते बुजुर्ग के इस फैसले को विचाराधीन रखा है लेकिन बेटे को बुजुर्ग का पिता का ये फैसला नागवार गुजरा और विरोध करते हुए रात में गालीगलौज कर घर का बिजली पानी का कनेक्शन सब बंद कर दिया। इतना ही नहीं गालीगलौज कर मारपीट पर उतारू हो गया। बेटे के डर से बुजुर्ग दम्पति ने घर से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई और कांकेर पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। इस उम्र में प्रेम विवाह कर अपनी दुनिया बसाने वाले बुजुर्ग दम्पति इस विवाद पर कहते है कि वो दोनों अकेले थे जिन्होंने अपनी मर्जी से प्यार करते हुए अपनी दुनिया बसाई है ताकि आख़िरी वक्त में वो एक दूसरे के साथ जीवन के बचे हुए बीते दिनों को साथ रहकर हंसी खुसी से गुजार सके। बेटे के विरोध और झगड़े के बाद भी वे अपने बेटे को माफ़ करने को तैयार बस उन्हें आराम से अपने बचे दिन शान्ति से गुजारने दिया जाए। वही कांकेर पुलिस इस पूरे मामले को पारिवारिक विवाद मानते हुए दोनों पक्षों को समझाने में जुटी है। अब आने वाला वक्त ही ये तय करेगा कि बुजुर्ग दम्पति को इस उम्र में अपनी मोहब्बत नसीब होगी या अलग होकर अपने बचे हुए दिन में आंसू बहाने पड़ेगे।