सिद्धार्थ मलैया के बाद कई और वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ी BJP, कहा- पार्टी में संगठन की विचारधारा खत्म हो गई

6/16/2022 1:59:44 PM

दमोह(इम्तियाज़ चिश्ती): लंबे समय से पार्टी की नीतियों से आहत होकर भाजपा के सिद्धार्थ मलैया के बाद अब दमोह भाजपा के बड़े चेहरे भी पार्टी से बाहर हो गए हैं। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पदाधिकारियों ने भाजपा जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपने वालों में तीन बार के पूर्व जिला महामंत्री, दस साल युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष रहे रमन खत्री, जिला मीडिया प्रभारी एवं पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष पद पर रहे कपिल सोनी, जिला मीडिया प्रभारी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष रहे मनीष तिवारी, मंडल महामंत्री एवं मंडल अध्यक्ष रहे संतोष रोहित आनु से जनपद सदस्य रहे एवं मंडल अध्यक्ष अभिलाष मिंटू हजारी, दो बार के युवा मोर्चा मंडल महामंत्री एवं मंडल अध्यक्ष भाजपा रहे देवेंद्र सिंह राजपूत ने अपने इस्तीफे दिये। कुल मिलाकर भाजापा के जो मुख्य चेहरे थे अब वे भाजापा में नहीं रहे जिन्होंने दमोह में बीते कई चुनावों में भाजापा को जीत दिलाने में अपनी ऐड़ी चोटी एक कार दी थी, जो भाजापा के चेहरे कहलाए जाते थे वे भी सिद्धार्थ की राह चले।



वरिष्ठ भाजापाई रहे रमन खत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि वर्तमान भाजपा में सक्रिय एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की घनघोर उपेक्षा की जा रही है और जो दल बदल कर नेता आ रहे हैं, उनको अधिक सम्मान दिया जा रहा है। पुराने कार्यकर्ताओं को लगातार नज़र अंदाज़ किया जा रहा था। जो नेता दल बदल कर रहे है उनके पैरों के तले भाजपा की मूल विचारधारा को रौंदने का काम किया जा रहा है। इससे मन बहुत ही आहत है। इसी कारण से हम सभी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। हम किसी अन्य दल में शामिल नहीं होंगे यह स्पष्ट है। अच्छे विचार को जो आगे ले जाने और जो अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त दमोह की पहल करेगा हम उसके साथ हैं, सिद्धार्थ मलैया ने ऐसी पहल की है तो हम उनके साथ हैं। वहीं कपिल सोनी ने कहा कि भाजपा में जो गतिविधियां चल रहीं है वह भाजपा संगठन की विचारधारा के अनुरूप नहीं है। उन मूल विचारधारा पर काम नहीं किया जा रहा है। मूल विचारधारा खत्म होती जा रही है। सत्ता के लालच में मूल विचारधारा को खत्म किया जा रहा है।



मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा में उन सभी पुराने और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं जो पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया जी से जुड़े हैं उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही थी उन्हें बैठकों में और कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जा रहा था और उन्हें टारगेट किया जा रहा है इन सभी बातों से प्रताड़ित होकर और आयातित नेताओं को मूल कार्यकर्ताओं के ऊपर बैठा कर जो मूल कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई जा रही है। उससे क्षुब्ध होकर हम सभी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। मैं सवाल करना चाहता हूं संगठन से कि हम सभी पांच मंडल अध्यक्ष सवा साल से निलंबित हैं उपचुनाव की हार के कारण हम सभी को निलंबित किया गया तो क्या उपचुनाव की संपूर्ण जिम्मेदारी केवल हम पांच मंडल अध्यक्षों की थी और यदि हां तो क्या उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी घोषित करने में हम सभी से पूछा गया था।



हमने पहले ही बता दिया था कि राहुल सिंह का काफी विरोध है और हमने जिताऊ प्रत्याशी का नाम दिया था मैं पूछना चाहता हूं कि क्या जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी युवा मोर्चा और अन्य मोर्चा पदाधिकारियों की उपचुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं थी। स्वयं प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य कद्दावर मंत्री उपचुनाव में दमोह में रहकर काम करते रहे। इन सभी की कोई जिम्मेदारी नहीं थी। केवल हम पांच मंडल अध्यक्ष के बल पर चुनाव लड़ा गया था। सवाल बड़े हैं लेकिन इसका जवाब ना तो संगठन के पास है ना प्रदेश के मुखिया के पास। अब देखने लायक ये है कि आगामी चुनावों में भाजापा से किनारा करने वाले अब भाजापा के किले में सेंध लगाने में कितने कारगर साबित होगें। ये तो समय की गर्त में है।

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