एंबुलेंस नहीं मिली तो महिला को झोली में डालकर ले चले ग्रामीण, अस्पताल के रास्तें में ही तोड़ा दम

9/12/2020 5:31:48 PM

बैतूल: चुनावी दिनों में दिए जाने वाले लंबे लंबे भाषण और बड़ी बड़ी घोषणाओं की पोल खोलती एक घटना मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से सामने आई है, जहां समय पर एंबुलेंस न पहुंच पाने से एक महिला की मौत हो गई। आज के डिजीटल युग में भी बैतूल का भंडारपानी गांव सुविधाओं के मामले में इतना पिछड़ा हुआ है कि यहां न तो सड़क और न ही कोई आने जाने का खास साधन। मजबूरन ग्रामीण बांस के झोले में महिला को लादकर अस्पताल के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच की मांग की है।



जानकारी के अनुसार, बैतूल के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक का भंडारपानी गांव 1800 फीट ऊपर पहाड़ी पर बसा है। यहां जाने के लिए सड़क नहीं है। ऐसे में सुख सुविधाओं से वंचित इस गांव में की जग्गोबाई पति इंदर (28) की डिलीवरी पिछले महीने अगस्त में हुई थी जब उसने बेटी को जन्म दिया था लेकिन एक महीने बाद पेट मे दर्द और ब्लीडिंग के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में नूतन डंगा गांव के सरपंच साबू लाल, सचिव मालेकार सरकार ने एक निजी वाहन से घोड़ाडोंगरी अस्पताल के लिए महिला व परिजनों को रवाना किया। लेकिन गांव से 10 किमी दूर महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो वे उसे रास्ते में आमढाना उप स्वास्थ्य केंद्र में चेक करवाने ले गए।


लेकिन महिला की मौत पहले ही हो चुकी थी। श्रमिक आदिवासी संगठन के राजेंद्र गढ़वाल ने कहा उन्होंने 108 पर एंबुलेंस के लिए फोन किया था, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। पीड़िता एंबुलेंस का इंतजार करती रही। परिवार वालों का आरोप है कि एंबुलेस और सरकारी सुविधाएं मिल जाती तो उसकी जान बच सकती थी।

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