CM का एक और मास्टर स्ट्रोक, पाला पड़ने की शिकायतों पर अधिकारियों को दौड़ाया खेत में
12/31/2018 12:27:54 PM
भोपाल: (इज़हार हसन खान) मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चंद घंटों बाद से ही सीएम कमलनाथ ने कई चौंकाने वाले काम किये हैं। इसमें किसानों की कर्ज़ माफी सबसे बड़ा काम था। कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के वक्त जो वादे किए वे पूरा करते जा रहे हैं। ताज़ा मामला प्रदेश में पड़ रही तेज़ ठंड की वजह से प्रदेश के कई ज़िलो में पाला पड़ने का है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से कई लोग ट्विटर पर फ़ोटो और वीडियो डालकर सीएम कमलनाथ को कुछ ज़िलों में पाला पड़ने से फसल नुकसान की शिकायत कर रहे थे। इस बात को कुछ घंटे भी ना बीते थे कि सीएम कमलनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग डॉ. राजेश राजौरा ने मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों से जानकारी मांग ली।
कृषि विकास विभाग के द्वारा पाला पड़ने से फसल नुकसान की जानकारी मांगी गई है। इसके लिए एक पत्र लिखा गया है जिसमें लिखा है कि, 'प्रदेश में शीत लहर से अनेक जिले प्रभावित हैं जिससे कुछ जिलों में पाला पड़ने का संभावना है। पाले से बचाव व कृषकों को सलाह देने के लिए परियोजना संचालक आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से एसएमएस करवायें एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से स्थानीय समाचार पत्रों में पाले से बचाव की सलाह प्रकाशित करावें। कृषि एवं उद्यानिकी की फसलों में पाले से नुकसान की जानकारी संलग्न प्रपत्र पर दिनांक 31 दिसंबर 2018 को शाम 4:00 बजे तक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं अधोहस्ताक्षरी को आवश्यक रूप से उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पाला से प्रभावित हुई फसल के विषय को संवेदनशीलता से लिया है ।उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस विषय में विस्तार से जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि किसान भाई धैर्य रखें सरकार आप के साथ है।@JansamparkMP pic.twitter.com/dnkUCvHfel
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 31, 2018
भोपाल ज़िले के हिरनखेड़ी गाव के किसान हाशिम अली और दर्जनों किसानों का कहना है कि हमने आज से पहले कभी किसी सरकार का इतना तेज एक्शन नहीं देखा। जहां पहले पाला पड़ने या फसल नुकसान होने के महीनों निकल जाने के बाद सर्वे होता था वहीं सीएम कमलनाथ ने पाला की आशंका और नुकसान की सूचना के 24 घंटे के अंदर सर्वे की बात कह दी और उस पर 24 घंटे में अमल करने को कहा है। अब कृषकों को सलाह देने के लिए परियोजना संचालक आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से एसएमएस करवाने होंगे साथ ही जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से स्थानीय समाचार पत्रों में पाले से बचाव की सलाह भी प्रकाशित करवानी होगी। यही नहीं कृषि एवं उद्यानिकी की फसलों में पाले से नुकसान की जानकारी संलग्न प्रपत्र पर 31 दिसंबर की शाम 4:30 तक देंना होगा।