USA में प्रतिबंधित सेक्स सर्विस प्रोवाइडर की वेबसाइट को इंदौर में संचालित करने वाले गिरफ्तार, पाकिस्तान समेत विदेश से जुड़े तार...

8/7/2022 3:59:26 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर क्राइम ब्रांच ने भवरकुआं इलाके में दबिश देकर पोर्न ऐड और एस्कॉर्ट्स सर्विस के लिए वेबसाइट बनाकर बेचने वाले एक गिरोह के आठ सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है।  पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, वे सभी इंदौर से बाहर के रहने वाले हैं। इंदौर में रहकर यह अवैध गतिविधियां कर रहे थे, पुलिस ने उनके पास से दो पोर्न फिल्मों की सीडी भी जब्त की। इनके पाकिस्तान से भी कनेक्शन होने की पुख्ता जानकारी मिली है। उन्होंने पकिस्तान से सर्वर लेकर रिमोट से एक्सेस लेकर इंदौर से काम कर रहे थे।

इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एक वेबसाइट्स को ऑपरेट करते थे। इस वेबसाइट्स का उपयोग पोर्न मूवी या देह व्यापार के विज्ञापन के लिए किया जाता था। इस वेबसाइट्स पर देश विदेश से कई लोग जुड़ते थे। अनैतिक गतिविधि होने की वजह से ही इस वेबसाइट को यूएस में प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस वजह से इंदौर में कुछ युवकों ने उस प्रतिबंधित वेबसाइट्स का नाम बदलकर ऑपरेट करना शुरु कर दिया। इस पर आने वाले विज्ञापनों के पैसे ऑनलाइन और बिटकॉइन के माध्यम से ऑपरेटर हासिल करते थे। वह लम्बे समय से यह कार्य संचालित कर रहे थे। अनैतिक देह व्यापार जैसे कई अड्डों पर हाल ही में बड़ी कार्यवाही की गई है, लेकिन इसी का फायदा उठाते हुए कुछ तकनीकी के विशेष जानकारों ने दुरूपयोग करना शुरु कर दिया है। इसका खुलासा तब हुआ जब इंदौर क्राइम ब्रांच ने भंवरकुआ थाना इलाके के साईराम प्लाज़ा में स्थित चौथे मंजिल पर एक दफ्तर में दबिश दी। यहां आईटी कंपनी की आड़ में एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए वेबसाइट्स डवलप की जाती थी। इतना ही नहीं, ऑपरेटर के तार पाकिस्तान से लेकर विदेशों से भी जुड़े हैं। यहां कई देशों से लोग जुड़े थे, जिस प्रतिबंधित वेबसाइट्स को संचालित करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों ने उसका सर्वर पाकिस्तान से लेकर ऑपरेशन शुरु किया था। शातिर बदमाशों टीमव्यूअर व अन्य ऍप्लीकेशन के माध्यम से उसका संचालन करते थे। उसमें सैक्स एव अन्य तरह के कई कॉलम को विभन्न वर्गो में बांटा गया था। यहां खुद सैक्स वर्कर अपनी प्रोफाइल उपलोड करती थी। इसके अलावा यहां विभिन्न तरह के प्रलोभन भी दिए जाते थे। प्रोफाइल उपलोड और सर्फिंग के बीच होने वाला मुनाफ़ा ऑपरेटर्स के पास सीधे ऑनलाइन आता था। इसको लेकर बिटकॉइन का भी सहारा लिया जाता था।

क्राइम ब्रांच पूरे मामले की फिलहाल जांच कर रही है। जानकारी है कि दूसरे देशों से भी इसके तार जुड़ रहे हैं। लिहाजा बेहद संजीदा प्रकरण मानकर ही पुलिस छानबीन कर रही है। पुलिस आरोपियों के पूर्व प्रकरणों की भी जानकारी जुटा रही है। अब देखना होगा कि इस तरह की अब तक आरोपी कितनी एस्कॉर्ट सर्विस प्रोवाइडर वेबसाइट्स बना चुके हैं और उन्हें कौन कौन ऑपरेट कर रहा है।

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