सोने की लूट की अनोखी रस्म! महाराज सिंधिया ने जैसे ही छुआ शमी वृक्ष, दौड़ी हजारों की भीड़
Saturday, Oct 04, 2025-09:37 AM (IST)

ग्वालियर। सिंधिया राजघराने की परंपराओं का अनोखा नज़ारा दशहरे पर एक बार फिर देखने को मिला। शनिवार को दशहरा मैदान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र महाआर्यमन सिंधिया ने शाही अंदाज में पवित्र शमी पूजन किया। जैसे ही महाराज सिंधिया ने राजसी तलवार से शमी वृक्ष को स्पर्श किया, वैसे ही हजारों लोग परंपरागत “सोना लूटने” के लिए टूट पड़े। यहां सोने से मतलब असल सोने से नहीं, बल्कि शमी की पत्तियों से है, जिन्हें सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
शाही भव्यता और ऐतिहासिक धरोहर
पूरे आयोजन के दौरान सिंधिया परिवार शाही वेशभूषा में नज़र आया। मंच पर रियासत के दरबारी पारंपरिक परिधानों में मौजूद थे और दशहरा मैदान में हजारों समर्थक उमड़े रहे। तलवार से शमी पूजन का यह दृश्य हर किसी के लिए ऐतिहासिक और रोमांचक क्षण बन गया।
सदियों से कायम परंपरा
कहा जाता है कि यह परंपरा करीब 400 साल पुरानी है और सिंधिया घराने में इसे शक्ति, विजय और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दशहरे के मौके पर आयोजित होने वाले इस शमी पूजन का ग्वालियर और आसपास के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं।
इस बार भी जब महाराज सिंधिया ने शमी वृक्ष को तलवार से छुआ तो मानो पूरा दशहरा मैदान “सोने की लूट” की इस अद्भुत परंपरा का गवाह बन गया।
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