डॉ. पाठक की मौत के पहले का ऑडियो वायरल! पत्नी पर लगाया संगीन आरोप, पुलिस नहीं कर रही FIR

5/3/2021 4:55:38 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): छतरपुर के जाने माने डॉक्टर नीरज के निधन के बाद अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई कि उनकी मौत हुई है या हत्या। वहीं मौत से पहले का एक ऑडियो और वायरल हो रहा है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि डॉ नीरज की पत्नी ममता पाठक ने उन्हें बंधक बना कर रखा था। बावजूद इसके पुलिस ममता पाठक पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, डॉ नीरज और उनकी पत्नी ममता पाठक के बीच रिश्ते कुछ अच्छे नहीं थे वह अलग रहती थी और अपने पति से खर्चा लेती थी। कुछ ही दिन पहले उनकी सुलह हुई थी और वह पति नीरज के साथ रहने आई थी। तभी अचानक एक मई को डॉ नीरज का शव उनके घर में मिला जिस पर चोट के निशान थे। पुलिस ने पत्नी ममता को शक के बिनाह पर हिरासत में भी ले लिया लेकिन अभी तक पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी कि डॉ नीरज की हत्या हुई या मौत।



इसी बीच एक ऑडियो वायरल हुआ है जो डॉ नीरज के किसी रिश्तेदार का है जिसमें वे कह रहे हैं कि-मुझे माफ़ कर दो डॉ पाठक में आपकी जान नहीं बचा पाया-सभी लोग सुन ले। डॉक्टर नीरज पाठक द्वारा अपने एक रिस्तेदार से की गई बातचीत दिनांक 29 अप्रैल की है जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि पत्नी ने बंधक बना कर खाना पानी सब बंद कर दिया है पुलिस कोई मदद नहीं कर रही। अब सवाल यह उठता है कि डॉ नीरज की पत्नी के खिलाफ सबूत होते हुए भी पुलिस ने अभी तक एफ आई आर नहीं की है।



डॉक्टर नीरज पाठक ने फ़ोन कर अपनी आप बीती सुनाए हुए रो रो कर बचा लेने की गुहार लगाई थी। उन्होंने एक शिकायती पत्र लिखकर भी भेजा था जिसमें उन्होंने अपनी हैंड राइटिंग में बताया था कि मेरी पत्नी ममता पाठक ने मुझे पीछे से धक्का दे दिया जिस कारण मेरे सिर में गहरा घाव हो गया। उन्होंने बताया कि जब में बाथरूम गया तो मेरी पत्नी ने बाहर से चटकनी लगा दी इस दौरान अलमारी तोड़ दी। नगद 5 लाख रुपये और चाबी सब कुछ ले लिए है। उन्होंने बताया कि जब मैंने पुलिस बुलाई तो मेरी पत्नी का आक्रामक रवैया हो गया। मेरी पत्नी ने जिस कमरे में मुझे बंद कर दिया था। उस कमरे से पुलिस ने मुझे बाहर निकलवाया। जिसके बाद मौका लगते ही एस.पी. साहब से मिलने गया था लेकिन वह नहीं मिले। फिर मुझे कमरे में बंद कर दिया और खाना नहीं दिया जिसकी जानकारी 28 को उन्होंने खुद पुलिस को दी।अगर पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती तो एक अच्छा डॉक्टर बच जाता। डॉक्टर पाठक को अपनी हत्या का भय था इसलिए उन्होंने वाट्सअप पर जानकारी शिकायती आवेदन भेजा था।

डॉ. पाठक की मौत के पीछे तमाम सवाल है जो मौत का राज खोलने के लिए पर्याप्त हैं।

1 एक ही छत के नीचे रहने के बाद भी पुलिस को सूचना लगभग मौत के 36 घंटे बाद क्यों दी...

2 अगर वह बीमार थे उनको कोरोना था तो डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया मेडिकल टीम क्यों नहीं बुलाई...

3- कई वर्ष से काम कर रहे नोकर को 15 दिन से अंदर क्यों नहीं आने दिया...

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This news is Content Writer meena