अयोध्या राममंदिर फैसला: दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान में ट्वीटर वार

11/12/2019 11:38:33 AM

भोपाल (इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में राजनीतिक पारा गर्म है। वहीं अलग- अलग मुद्दों को लेकर चल रही खींचतान के बीच दो पूर्व मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर आमने-सामने आ गए हैं। सत्ता और विपक्ष के बीच चल रही खींचतान के बीच अब दो पूर्व मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर आमने सामने आ गए हैं। अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने वालों को सजा देने का सवाल उठाए हैं। वहीं इस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निशाना साधा है तो वहीं दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह पर पलटवार कर दिया।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अयोध्या की विवादित जमीन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद को गिराने वालों को सजा कब मिलेगी। इस पर दिग्विजय ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जिसके बाद दिग्विजय बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके इस ट्वीट पर हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मन आनंद और प्रसन्नता से भरा हुआ है। अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद सारा देश एकसाथ खड़ा है, प्रत्येक समाज के नागरिकों ने सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। ऐसे में समाज में खाई पैदा करने का प्रयास करने वाले तथा समाज को बांटने वाली इस विकृत मानसिकता का जवाब समाज स्वयं देगा।

शिवराज के इस ट्वीट का जवाब दिग्विजय ने भी ट्वीट कर दिया। वहीं दिग्विजय ने लिखा “शिवराज जी, भगवान राम मेरे हृदय में बसे हैं। आपका तो पता नहीं, पर मेरे घर पर राम मंदिर हमेशा से है, जिसमें अक्षत ज्योत जलती है।” उन्होंने आगे लिखा “इसलिए मेरे लिए राम राजनैतिक स्वरूप नहीं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनके नाम पर यदि गलत होगा तो उनसे ही प्रेरणा ले कर मैं विरोध जरूर करूंगा। भगवान राम की राजनीति आप करें, मैं उनकी भक्ति में प्रसन्न हूं।”

दिग्विजय सिंह की धर्म और साधु संतों में अटूट आस्था है और वो सपत्नीक 3300 किलोमीटर की पैदल नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं। वहीं उनके पैतृक निवास राघोगढ़ के महल में 9 मंदिर हैं जिनमें रोजाना पूजा होती है। भगवान राम उनके आराध्य देवता हैं। जिनका स्मरण उन्हें 24 घंटे रहता है। उनका कहना है कि वे धार्मिक आस्था व विश्वास को राजनीति का विषय नहीं मानते हैं।मुझे मेरी धार्मिकता को प्रमाणित करने की कोई आवश्यक्ता नहीं है। मैं धार्मिक हूं धर्मान्द नहीं। मेरा धर्म प्रेम सौहार्द सत्य और अहिंसा पर आधारित है सहिष्णु है। नफरत पर आधारित हिंसक नहीं है। दिग्विजय सिंह का मानना है कि " धर्म, आस्था, ध्यान और योग, यह हर व्यक्ति का  निजी विषय है और उसमें दखल देने का किसी को अधिकार नहीं है।"

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh