​​​​​​​मामा ये कैसा अत्याचार, सड़क पर भीख मांग रहा MP का सर्वश्रेष्ठ पैरा-एथलीट

9/4/2018 12:04:25 PM

भोपाल: मध्यप्रदेश में शिवराज के राज में होनहार खिलाड़ियों की क्या एहमियत है इसकी बानगी भोपाल की सड़कों पर देखने को मिली। इस तस्वीर को दखने के बाद आपको अंदाजा लग जाएगा की राज्य सरकार खिलाड़ियों को मैडल जीतने पर महज शुभकामनाएं दे सकती है और इससे ज्यादा अगर कुछ कर सकती है तो वो हैं, दावे। हम बात कर रहे हैं ऐसे पैरा-एथलीट की जो इन दिनों भोपाल की सड़कों में भीख मांगने को मजबूर है।



दरअसल मनमोहन सिंह लोधी राष्ट्रीय स्तर के पैरा-एथलीट हैं। वो कई मेडल जीत चुके हैं लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। मनमोहन सिंह भोपाल की सड़कों पर भीख मांगकर गुजारा करते हैं। दरअसल, शिवराज सरकार ने 2017 में राष्ट्रीय पदक जीतने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और दिव्यांगों के करीब 6000 पदों पर भर्ती करने का भी ऐलान किया था। मनमोहन को जब इस घोषणा का पता चला तो उन्होंने भी सरकारी नौकरी के लिए कोशिश शुरू कर दी, लेकिन काफी प्रयास करने के बाद भी मनमोहन को नौकरी नहीं मिल पाई। इसके बाद विरोध जताने और पेट पालने के लिए वह राजधानी की सड़कों पर भीख मांगने लगे।



सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी हुए हैं घोषित
एक न्यूज़ एजेंसी को मनमोहन ने बताया कि वह धावक हैं और गुजरात के अहमदाबाद में देश में दूसरा स्थान बनाकर सिल्वर मेडल जीता था। यही नहीं वे दिल्ली से मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी घोषित हैं। लेकिन अब तक उन्हें खेल की कोई राशि नहीं मिली और न ही राज्य सरकार से किसी प्रकार की आर्थिक मदद मिली है।



2009 में एक हादसे में कट गया था हाथ
मनमोहन सिंह लोधी नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के कंदरापुर गांव के हैं। 2009 में हुए एक हादसे में उनका एक हाथ कट गया था। इसके बावजूद उन्होंने दौड़ में राष्ट्रीय पदक जीते है। 2017 में मनमोहन सिंह ने अहमदाबाद में आयोजित प्रतियोगिता में 100-200 मीटर की फर्राटा दौड़ में रजत पदक हासिल किया था। इसके बाद 2017 में मनमोहन को मध्य प्रदेश का पैरा एथलीट खिलाड़ी घोषित किया गया था।



सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
पैरा एथलीट मनमोहन सिंह लोधी ने सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, कि मैंने मुख्यमंत्री से नौकरी के लिए चार बार मुलाकात की। बावजूद इसके मुझे सरकारी नौकरी नहीं दी जा रही है जबकि सीएम ने इसका वादा भी किया था।

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