भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में आया नया मोड़

8/10/2018 3:17:30 PM

इंदौर : भय्यू जी महाराज आत्महत्या मामले में जांच पूरी होने से पहले ही जांच अधिकारी का तबादला हो गया है। अब तक कि जांच में तीन तथ्यों को ही आत्महत्या का कारण माना जा रहा है। पुलिस को अब भी बैलेस्टिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

12 जून को भय्यू महाराज का शव सिल्वर स्प्रिंग स्थित निवास के जिस कमरे में मिला वह अंदर से बंद था। उनके पास रिवॉल्वर पड़ी मिली थी। भय्यू जी के मास्टर बेडरूम में सुसाइड नोट मिला था, जिसमें तनाव में आकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। मामले में जांच अधिकारी बनाए गए खजराना सीएसपी मनोज रत्नाकर का तबादला नागदा हो गया है। वे एक-दो दिन में रिलीव होंगे, लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई है। सीएसपी का कहना है, जांच लगभग पूरी है, सिर्फ बैलेस्टिक रिपोर्ट का इंतजार है। पोस्टमार्टम, हैंडराइटिंग व विसरा जांच रिपोर्ट मिल चुकी है, जिसमें कोई तथ्य संदेहास्पद नहीं है।



तीन तथ्यों को माना आत्महत्या का कारण

- भय्यू जा महाराज की आत्महत्या करने का पहला कारण घरेलू विवाद को ही माना जा रहा है। दूसरी शादी के बाद भय्यू महाराज की पत्नी व उनकी बेटी के बीच लगातार पटरी नहीं बैठ रही थी। दोनों पक्ष भय्यू महाराज को अपनी ओर करने के प्रयास में थे, जिससे वे ज्यादा तनाव में थे।
- उनकी मौत का दूसरा कारण बीमारी मानी जा रही है। मौत के 2-3 दिन महीने पहले उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया। डिप्रेशन, डायबिटीज, बीपी ने उन्हें घेर लिया था।
- तीसरा कारण व्यावसायिक तनाव है। भय्यू महाराज के ट्रस्ट के अधीन प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में भी कई सेवा कार्य चल रहे थे। लोगों का ट्रस्ट की ओर रुझान कम हो गया था। समाजसेवा के काम में भुगतान की समस्या से भी तनाव था।



30 लोगों के हो चुके बयान
सीएसपी रत्नाकर ने भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी, बेटी कुहू, मां, बहनों, बहनोई, सेवादार, ट्रस्ट के पदाधिकारियों, सीए-डॉक्टर समेत करीब 30 लोगों के बयान लिए हैं। लगभग सभी ने तनाव की बात कही है।

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