एक और नामी कंपनी में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, ऐसे हुआ खुलासा

8/11/2018 12:33:41 PM

जबलपुर : देश की नामी कंपनियों में शुमार जेपी ग्रुप में एक बड़ा आर्थिक फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इस खुलासे के बाद दिल्ली मुख्यालय तक हडक़ंप मचा हुआ है। इससे पहले भी रियल इस्टेट में जेपी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट की फटकार लग चुकी है। जिसके बाद इस नए कांड से कंपनी की साख पर सवाल उठने लगे हैं।

दरअसल, जीएसटी डिपार्टमेंट की इंटेलिजेंस टीम ने रीवा में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीमेंट कंपनी द्वारा जीएसटी की राशि नहीं जमा करने की गड़बड़ी पकड़ी है। सीमेंट कंपनी ने फरवरी से जुलाई तक सरकार के खाते में जीएसटी जमा नहीं किया। यह राशि करीब 52 करोड़ है।

ये है मामला
जीएसटी विभाग को जानकारी लगी कि रीवा के जेपी सीमेंट प्लांट के द्वारा फरवरी-2018 से जीएसटी की बकाया राशि नहीं चुकाई जा रही है। जबकि डीलर से बाकायदा जीएसटी ली जा रही थी। इस पर जीएसटी इंटेलिजेंस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल भोपाल नवनीत गोयल के निर्देशन में कार्रवाई की गई। लगातार दो दिन तक प्लांट में जाकर जबलपुर की जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने दस्तावेजों की जांच की। इसमें पाया गया कि फरवरी से अब तक सरकार के खाते में जीएसटी जमा ही नहीं की गई है। जबकि इसे हर महीने जमा करने का प्रावधान है। कार्यवाही के दौरान कंपनी की तरफ से फरवरी का जीएसटी दिया गया। वहीं शेष बकाया राशि जमा करने के लिए मोहलत मांगी गई है।



मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस क्षेत्रीय इकाई जबलपुर के डिप्टी डायरेक्टर डॉ.समीर पांडे ने बताया कि जेपी सीमेंट की रीवा इकाई की तरफ से फरवरी से जीएसटी जमा नहीं किया जा रहा था। कम्पनी ने जीएसटी नियमों का उल्लंघन किया है। यह कर की चोरी है। दस्तावेजों के आधार पर 52 करोड़ गड़बड़ी मिली है। इसे कम्पनी से वसूला जाएगा।

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