MP में स्वास्थ्य विभाग की भर्ती में बड़ा खेल, बिना इटंरव्यू, बिना मेरिट रख लिए 445 कर्मचारी, चुपचाप हो गई भर्ती

Monday, Dec 01, 2025-07:29 PM (IST)

(बैतूल): मध्य प्रदेश में गजब हो रहा है। जिला बैतूल से जो मामला सामने हो हिलाकर रख देने वाला है। यहां स्वास्थ्य विभाग की आउटसोर्सिंग भर्ती में जो खेल हुआ है वो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल यहां 445 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती को लेकर बडा सवाल खड़े हो रहे हैं। मल्टी स्किल्ड ग्रुप डी वर्कर की भर्ती में बिना विज्ञापन और इंटरव्यू के ही कर्मचारी रख लिए गए।

पूरी भर्ती प्रक्रिया गुपचुप तरीके  और जरूरी नियमों को ताक पर रख कर पूरी कर ली गई। जिससे भर्ती में अनियमितता को  लेकर शंका जताई जा रही है। ये भर्ती आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से की गई। सबसे बड़ी बात ये है कि चयन प्रक्रिया को लेकर न तो कोई विज्ञापन जारी किया गया, न आवेदन मांगे गए औऱ चुपचाप नियुक्तियां कर दी गई। जिले के आठनेर, चिचोली, भीमपुर, भैंसदेही, मुलताई, आमला ब्लॉकों के सिविल, प्राथमिक स्वास्थ्य और उपस्वास्थ्य केन्द्र में कर्मचारियों की भर्ती की गई है। ब्लॉकों से 40 से 45 लोगों को भर्ती किया है।

इस बारे में अधिकारी भी कर रहे अनजान होने का दावा

वहीं जानकारी ये भी सामने आ रही है कि  स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों को भी इस भर्ती के बारे में जानकारी नहीं थी। इसके बारे में पता तब चला जब  नए कर्मचारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, और उपस्वास्थ्य केंद्रों में अचानक दिखने लगे ।

एजेंसी और अधिकारियों में मिलीभगत का आरोप

वहीं इस पूरी प्रक्रिया में विभाग के कुछ अधिकारियों और आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच सांठगांठ होने के आरोप लग रहे हैं। आरोप हैं कि जिन लोगों को रखा गया है, वे ज्यादातर अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के जानने वाले शामिल हैं।

सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है...

445 आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की गड़बड़ी में अधिकारियों पर खुद सवाल उठ रहे हैं। अधिकारी दवा कर रहे हैं कि आउटसोर्स भर्ती के संबंध में विज्ञापन पहले ही निकाले जा चुके थे, केवल एजेंसी ने कर्मचारियों की ब्लाकवार नियुक्तियां दी हैं। लेकिन बड़ा और हैरान करने वाला सवाल है कि विज्ञापन भले ही पहले निकले हो, लेकिन कर्मचारियों की नियुक्तियों में क्या अधिकारियों का कोई रोल नहीं या  उनकी जानकारी के बिना ये संभव हो सकता है।

वहीं इस पूरे गड़बड़झाले पर सीएमएचओ बैतूल मनोज हुरमाड़े ने कहा है कि यदि कोई भर्ती में अनियमितता हुई हो तो इसका पता लगाने की काम करवाया जाएगा। लिहाजा इस पूरे मामले में  बिना विज्ञापन, बिना चयन प्रक्रिया और बिना मेरिट के 445 आउटोसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करने से स्थानीय लोगों के साथ ही दूसरे बेरोजगारों में आक्रोश देखा जा रहा है

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Desh sharma

Related News