CAA: राज्यपाल लालजी टंडन बोले- राज्य सरकारों के लिए भी संविधान में ''लक्ष्मण रेखा'' का प्रावधान
1/31/2020 4:52:31 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने आज नगरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि राज्य सरकारों के लिए भी संविधान में 'लक्ष्मण रेखा' का प्रावधान है। वे सीएए को लकर केरल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच हो रहे विवाद पर जबाव दे रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि जब कोई भी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में विधिवत पारित होकर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद कानून बन जाता है, तो उसे देश का कोई भी राज्य लागू करने से इंकार कैसे कर सकता है। संविधान में राज्य सरकारों के लिए भी 'लक्ष्मण रेखा' है, जिसका उन्हें पालन करना चाहिए। राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को राजभवन में प्रेस प्रकोष्ठ के नवनिर्मित कक्ष के लोकार्पण के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
राज्यपाल ने आगे कहा कि "राज्यपाल पद पर किसी व्यक्ति के काबिज होने के बाद वह संवैधानिक प्रावधानों के दायरों में रहकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाता है। भले ही वह किसी राजनैतिक पृष्ठभूमि से आता हो। राज्यपाल संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप ही कार्य करता हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि, 'मप्र की राज्य सरकार बेहतर कार्य करती है, तो प्रशंसा करने में कोई हर्ज नहीं है। और जब उन्हें (राज्यपाल) कहीं कुछ दिखायी देता है, तो उन्हें संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करने में कोई रोकटोक नहीं है।' सीएए के विरोध पर कहा कि ये तो होता रहता है, इससे राज्य सरकारों को फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
एक अन्य सवाल के जवाब में टंडन ने कहा कि 'आज जब देश विश्व में अपनी धाक जमा रहा है। विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, तो सभी को इसकी सराहना करना चाहिए। उन्होंने दिवंगत श्री राममनोहर लोहिया के वाक्य का उल्लेख करते हुए कहा 'जब कोई दुर्व्यवस्था से सुव्यवस्था की ओर जाता है, तो उसे तत्कालीन परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है। वर्तमान में इस देश के साथ ऐसा ही हो रहा है।'
इसके साथ ही राज्यपाल लाल जी टंडन ने राज्य सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कमलनाथ श्रीलंका में सीता माता के मंदिर का निर्माण करा रहे हैं यह सराहनीय है। वे राम वनगमन पथ को विकसित करा रहे हैं। इसके अलावा हनुमान चालीसा और जाप इत्यादि करा रहे हैं। इस बात की निंदा तो नहीं की जा सकती है। वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि इस देश में भगवान राम के अस्तित्व का निर्धारण अदालत से तय हुआ है। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर किताब लिख रहा हूं, लेकिन उसे इस पद पर रहते नहीं छपवाऊंगा।