गजराज को समर्पित देश की सबसे बड़ी राखी, ये हैं खूबियां

8/26/2018 5:06:06 PM

इंदौर : देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। वैसे तो ये त्योहार भाई-बहन का त्योहार है लेकिन इंदौर में एक ऐसा परिवार है जो इस त्योहार को भगवान गणेश के साथ मनाता है इस परिवार के लोग 35 सालों से खुद राखी बनाकर भगवान गणेश भगवान को बांधते हैं।

इंदौर के प्रसिद्ध पालरेचा ब्रदर्स द्वारा हर साल कुछ अलग संदेश को लेकर खजराना गणेश के लिए राखी बनाई जाती है, जिसे रक्षाबंधन के दिन भगवान गणेश को बांधा जाता है। इस साल पालरेचा परिवार द्वारा लगभग दो माह के समय में 45 बाय 45 इंच की राखी तैयार की गई है। इसका व्यास 18 इंच का है।

ऐसा है राखी का डिजाइन
राखी को वेलवेट और रंगबिरंगी लेस से तैयार किया गया है। राखी के बीच में पांच तंत्र बनाए गए हैं, जिसमें लोकतंत्र के रूप में लाल किला, रक्षा तंत्र के रूप में राष्ट्रपति भवन, नीति तंत्र के रूप में भारतीय संसद, अर्थ तंत्र के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और न्याय तंत्र के रूप में उच्चतम न्यायालय बनाया गया है। इसके अलावा गणपति अथर्वशीर्ष के श्लोक राखी के आसपास पत्तों पर लिखकर लगाए गए हैं।



पूरा परिवार करता है निर्माण
पालरेचा परिवार द्वारा बनाई जाने वाली राखी को पूरा परिवार बनाता है। इस काम में बच्चे, बड़े और उनकी दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों का सहयोग रहता है। इसके अलावा राखी पर कलात्मकता के लिए कोलकाता के कलाकारों की भी मदद ली जाती है।

रक्षाबंधन के मौके पर रविवार सुबह शुभ मुहूर्त में सबसे पहले भगवान खजराना गणेश को पालरेचा परिवार की ओर से वैदिक रीति-रिवाजों के साथ राखी बांधी गई। इसके अलावा मुंबई के सिद्धि विनायक, उज्जैन महाकाल, चिंतामण गणेश, सुभाष चौक इंदौर के मणिभद्रजी भगवान, मल्हारगंज के छोटा गणेश सहित अन्य 11 देव स्थानों पर भी पालरेचा परिवार द्वारा राखी अर्पित की गई।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की चाहत
पालरेचा परिवार इस राखी को हर घर तक पहुंचना चाहता है। लिहाजा उनको उम्मीद है कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम भी इस राखी पर नजर रखेगी, साथ ही ये भी लिम्का वालों को नाम भेजने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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