नई सरकार 'मीसाबंदी पेंशन' बंद करने की तैयारी में, BJP ने दी ये चेतावनी

12/24/2018 12:31:26 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में नई सरकार के फैसलों ने भाजपा और संघ से जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संघ की शाखाओं को सरकारी परिसरों में बैन लगाने के वचन के बाद अब कांग्रेस सरकार 'मीसाबंदियों' पर शिकंजा कसने जा रही है। कमलनाथ सरकार मीसाबंदी सम्मान निधि से मिलने वाली पेंशन बंद करने जा रही है। इसको लेकर बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

सुत्रों के अनुसार, सरकार तैयारी में जुटी है और 'मीसाबंदी सम्मान निधि विधेयक को निरस्त' करने के लिए मसौदा तैयार कर लिया है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने की मांग की थी। वहीं विदिशा जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष अर्पित उपाध्याय ने भी सीएम को पत्र लिखा था, जिसके बाद प्रदेश में इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।



पत्र में लिखा है कि 'प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार द्वारा मीसाबंदी पेंशन के जरिए भाजपा के लोगों को उपकृत किया जा रहा था। इससे प्रदेश पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। मीसाबंदियों की पेंशन को बंद कर उक्त राशि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के रूप में देने की मांग की है। इस मांग के बाद भाजपा ने भी कड़ा रुख दिखाया है। भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।

ये है मीसाबंदी पेंशन
मीसाबंदी पेंशन आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत जेल गए लोगों को दी जाती है। अभी दो हजार से ज्यादा मीसाबंदिओं को पेंशन मिल रही है इन्हें वर्तमान में 25 हजार रुपए मासिक पेंशन दे जा रही है, इस पर  70 करोड़ रुपए सालाना खर्च आता है। वहीं इस पेंशन को अगर बंद किया गया तो सियासी बवाल मचना भी तय है, क्योंकि प्रदेश में मीसाबंदी पेंशन का फायदा लेने वालों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पृष्ठभूमि के बड़े नेताओं के नाम भी हैं।

भाजपा की चेतावनी 
मीसाबंदी पेंशन बंद होने की अटकलों के बीच भाजपा नेताओं का कहना है कि 'यदि पेंशन बंद की गई तो आंदोलन किया जाएगा और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने पेंशन बंद की तो हम आंदोलन करेंगे।
 

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