खैरागढ़ उपचुनाव में भाजपा की करारी हार का खुलासा, संचालक के साले ने ही की पार्टी के साथ गद्दारी

10/22/2022 1:07:21 PM

राजनांदगांव(बसंत शर्मा): खैरागढ़ चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। जिसमें कड़ी मेहनत के बावजूद भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, काफी विरोध के बाद खूबचंद पारख के साले, छुईखदान निवासी रावल चंद कोचर को खैरागढ़ चुनाव का संचालक बनाया था। लेकिन आरोप है कि इन्होंने साथियों के साथ मिलकर भाजपा के साथ गद्दारी की है। अब यह आरोप सच साबित होते दिख रहे हैं क्योंकि पार्टी ने खूबचंद पारख के साले व साथियों को निलंबित कर दिया है।

खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था। कांग्रेस की ओर से सीएम भूपेश बघेल एवं भाजपा की ओर से सीएम डॉ रमन सिंह ने मोर्चा संभाल रखा था। जिला भाजपा के नहीं चाहने के बाद भी खैरागढ़ विधानसभा के परमानेंट चुनाव संचालक खूबचंद पारख के साले को बनाया गया। जिसका हर स्तर पर विरोध भी हुआ।



कार्यकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाए कि क्या चुनाव संचालक खैरागढ़ में चुनाव हराने के लिए बनाया जाता है। आखिरकार चुनाव संचालक खूबचंद पारख के साले के निलंबन के साथ ही इस तरह के आरोपों पर मुहर लगती दिख रही है। भाजपा की करारी हार की जिम्मेदारी भी तो तय होनी चाहिए। निलंबन मात्र से कब तक काम चलेगा।

इन लोगों को किया गया निलंबित

भाजपा द्वारा निलंबित किए गए कार्यकताओं में रामा साहू, केशव साहू, राकेश ठाकुर, रावल कोचर, लुकेश्वरी जंघेल है। इस कार्रवाई से एक बात तो तय है कि भाजपा को मजबूती मिलेगी और भितरघात करने वालों को करारा जवाब भी मिलेगा। भाजपा को ऐसे और कार्यकर्ताओं को कड़ी हिदायत देनी चाहिए जो अपने रिश्तेदारों को पार्टी से जोड़ते हैं और भीतरघात कराते हैं।

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