EC के आदेश के बाद भी BJP का अड़ियल रवैया, मंत्री बोले-पार्टी आयोग से कोई अनुमति नहीं लेगी

12/4/2018 2:55:34 PM

भोपाल: प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। अब सभी दलों को इंतजार है तो सिर्फ चुनाव परिणाम का। इसके चलते शिवराज सरकार द्वारा बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है। जिसकी मंजूरी चुनाव आयोग से नहीं ली गई है। इसे लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने कहा है कि, कैबिनेट की बैठक को लेकर चुनाव आयोग को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शासन की ओर से किसी भी तरह का बड़ा निर्णय या फिर पॉलिसी पर कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता, इसे लेकर चुनाव आयोग से अनुमति जरूरी है लेकिन अभी तक कोई पत्र चुनाव आयोग को नहीं मिला है। आयोग की इजाजत के बिना कैबिनेट कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकती है और अगर ऐसा होता है तो वो आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे मे आएगा।

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज ने पहले से रुके 14 प्रस्तावों पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में किसानों के लिए 200 रुपए बोनस, अध्यापक संवर्ग के लिए जारी हुए आदेश, जीका वायरस और डेंगू सहित कुल 14 प्रस्तावों पर चर्चा होनी है। शिवराज द्वारा बुलाई गई इस कैबिनेट के लिए सभी मंत्रियों को फोन पर सूचना दी गई है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक इस संबंध में चुनाव आयोग से कोई अनुमति नहीं ली गई है। वहीं शिवराज सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि, कैबिनेट की बैठक के लिए सरकार चुनाव आयोग से कोई अनुमति नहीं लेगी। हमें भी आचार संहिता के नियमों की जानकारी है।  

बीजेपी के इस रुख पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि, प्रदेश में मतदान हो चुका है। आचार संहिता पहले से लागू है ऐसे में सरकार सिर्फ कार्यवाहक सरकार है। इसके पास किसी भी तरह की बैठक बुलाने और निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो यह सीधे तौर पर सत्ता का दुरुपयोग है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को मुख्यमंत्री के मंत्रालय जाने को लेकर भी शिकायत की है। कांग्रेस ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए आयोग से बैठक पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है।
 

Vikas kumar

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