बागियों पर करेगी सख्त कार्रवाई bjp, चुनाव बाद गिरेगी गाज

7/2/2022 11:12:03 AM

ग्वालियर (अंकुर जैन): नगरीय निकाय चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रर्दशन किया था। इससे पार्टी के अंदर की खींचतान भी उजागर हुई है। वहीं मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (urban body election 2022) में भाजपा (bjp) के बागी प्रत्याशी संगठन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। इसके बाद भी पार्टी के नेता ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं। ये पहला मौका था जब ग्वालियर (gwalior) में बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ताओं सड़कों पर उतरकर बगावत की। अभी तक बीजेपी ने उन पर कोई कार्रवाई नही की है। कहा जा रहा है कि बागियों के पास ग्वालियर के बड़े नेताओं का समर्थक है, इसलिए पार्टी कतरा रही है।

बीजेपी दिग्गज नेताओं के सामने कर चुके हैं नारेबाजी  

बीजेपी में बड़े क्षत्रपों के समर्थक अब पार्टी के लिए न तो निकलते बन रहे है, न ही उगलते हैं। क्योंकि यह लोग चुनावी मैदान में बीजेपी के लिए परेशानी तो खड़ी कर रहे थे। इसके साथ ही बीते दिनों राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश (shivprakash) सहित केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह (narendra singh), ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) सहित बीजेपी सांसद विवेक शेजवलकर  (vivek sejwalkar)का घेराव कर नारेबाजी की थी। लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नही हुई है और कहा जा रहा है जो बागी, वह अधिकांश बीजेपी (bjp) के बड़े क्षत्रप नेता नरेंद्र सिंह, जयभान सिंह (jaibhan singh) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (scindia) के करीबी है। 

बीजेपी के ये बागी

प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद से पार्टी से बगावत कर बैठे है। इनमें से चार कार्यकर्ताओं ने विरोध जाहिर करते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेकर उनसे प्रत्याशी बन गए। ऐसे लोगों को भी अभी तक पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया गया है। हालांकि इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने खुद ही भाजपा छोड़ दी है। ऐसे में संगठन की कार्रवाई की जरूरत नहीं है। इनके अलावा लगभग 18 बागी प्रत्याशी अब भी चुनाव मैदान में उतरकर पार्टी प्रत्याशियों को चुनौती दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने पार्टी प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ने वाले 12 बागियों को 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।

चुनाव के बाद गिरेगी गाज

बागियों को मनाने के लिए बीजेपी (bjp) अपने स्तर पर समझाइश दे रही है। लेकिन वह नहीं माने। अब कहा जा रहा है कि पार्टी ने बागियों के साथ-साथ भितरघातियों की भी लिस्ट तैयार कर ली है। जिसे निकाय चुनाव के बाद अमल में लाया जा सकता है।  

Devendra Singh

This news is News Editor Devendra Singh