ग्वालियर में स्टे के बावजूद 10 दुकानों पर चला बुलडोजर, बड़ा सवाल शॉर्ट नोटिस पर किसके इशारे पर हुई कार्रवाई?

8/3/2022 6:38:25 PM

ग्वालियर(अंकुर जैन): मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बेहद अजीबो गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, प्रदेश सरकार द्वारा 30 साल की लीज पर दी गई दुकानों के दुकानदारों को लीज की मियाद खत्म होने के साथ 8 साल पहले ही ना केवल बेदखल कर दिया गया बल्कि उनकी दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। जबकि ग्वालियर के रोडवेज बस स्टैंड के पास स्थित इन दुकानों के संचालकों ने इस बेदखली के विरुद्ध हाई कोर्ट से स्टे भी ले रखा था। लेकिन अब राजनीतिक रूप से इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं।

ग्वालियर के सरकारी रोडवेज बस स्टैंड के पास 10 दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। इन दुकानों को दुकानदारों ने 30 साल के लिए लॉज पर लिया था। लेकिन महज शार्ट नोटिस के बाद इन दुकानों को गिरा दिया गया। दुकानदारों को यहां से खाने पीने और कारोबार की चीजें निकालने की मोहलत कर नहीं दी गई। इस कार्रवाई से  रोजी रोटी कमाने वाले करीब 300 लोग सड़कों पर आ गए हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को एक कानूनी प्रक्रिया बता रहे हैं। उनका कहना है कि दुकानदारों को नोटिस दिए गए थे। उसके बाद यह कार्रवाई की गई है। लेकिन लीज का समय खत्म होने से पहले क्यों बेदखल किया गया। इसका जवाब उनके पास भी नहीं है।

वहीं सूत्रों की मानें तो ग्वालियर के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास इस जमीन के पीछे स्मार्ट सिटी का सूत्र सेवा व नगर निगम का डिपो भी संचालित है। लेकिन इन सब की शिफ्टिंग की कार्रवाई होगी। क्योंकि अब किसी बड़े सेठ ने इस जमीन की कीमत 70 करोड़ रुपए लगा दी है और खरीददार सेठ का प्रशासन पर दबाव था। इसलिए महापौर पद की शपथ होते ही और नगरीय निकाय चुनाव खत्म होते ही अब प्रशासन ने अपना बुलडोजर और हथोड़ा चला कर अपनी ड्यूटी निभा दी है। विरोध करने पहुंची आम आदमी पार्टी ने इसे बीजेपी और कांग्रेस की मिलीभगत बताया है।

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