सरकारी भूमि पर चला प्रशासन का डंडा, कांग्रेस के पूर्व पार्षद सहित चार पर कारर्वाई

Thursday, Oct 30, 2025-08:43 PM (IST)

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला प्रशासन ने मानिकपुर डिपरापारा इलाके में करोड़ों रुपये की शासकीय भूमि को जमीन दलालों के कब्जे से मुक्त कराया है। इस कारर्वाई में कांग्रेस के पूर्व पार्षद सीताराम चौहान, लक्ष्मण लहरे, राजू सिमोन और सोनू जैन के खिलाफ प्रशासनिक कारर्वाई की गई है। आरोप है कि इन लोगों ने शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर उसे टुकड़ों में बांटकर बेच दिया था। एसडीएम सरोज महिलांगे ने बताया कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच के बाद कारर्वाई करते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है। अब इस भूमि का सार्वजनिक उपयोग के लिए सदुपयोग किया जाएगा।

प्रशासन की इस कारर्वाई से जमीन माफियाओं में हड़कंप मच गया है। वहीं, आम जनता ने इसे जमीन दलालों के खिलाफ एक साहसिक कदम बताते हुए प्रशासन की सराहना की है। इस बीच कोरबा पुरानी बस्ती निवासी शत्रुघ्न सिंह राजपूत ने इस भूमि पर अपना पुश्तैनी हक बताते हुए कलेक्टर से गुहार लगाई है। राजपूत का आरोप है कि कुछ जमीन दलालों और भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से उनकी पुश्तैनी जमीन को गलत तरीके से शासकीय भूमि के रूप में दर्ज कर दिया गया है।

राजपूत का कहना है कि यह भूमि उनके परिवार के कब्जे और उपयोग में है, और इसके सभी दस्तावेज उनके नाम पर दर्ज हैं। उन्होंने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने भी भूमि को यथास्थिति में उनके नाम पर दर्ज रखने का आदेश दिया है, लेकिन विभागीय स्तर पर उस आदेश की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कब्जे को रोका जाए और जमीन दलालों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की जाए। जिले में जमीन कब्जे का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जमीन दलाल सक्रिय हैं और प्रशासन की कारर्वाई के बावजूद नए विवाद उभरते जा रहे हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे जमीन माफियाओं और भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों पर सख्त कारर्वाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी शासकीय भूमि पर कब्जा करने की हिम्मत न कर सके।


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meena

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