विधानसभा में उठा MCU के निष्कासित छात्रों का मामला, सांसद प्रज्ञा ने उपराष्ट्रपति से की शिकायत

12/18/2019 4:37:51 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से निष्कासित छात्रों का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ प्रशासन ने आतंकियों जैसा व्यवहार किया। निष्कासित छात्रों को तुरंत बहाल किया जाए। वहीं मंगलवार शाम को भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मामले की शिकायत की। विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों के विवादित ट्वीट के बाद हंगामा करने वाले 23 छात्रों को मंगलवार को निष्कासित कर दिया था।

छात्रों के निष्कासन को बहाल करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) के कार्यकर्ता छात्रों के निष्कासन को बहाल करने की मांग को लेकर लेकर माखनलाल विश्वविद्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मुख्यगेट पर धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय से निष्कासित छात्रों को बहाल नहीं किया जाएगा हमारा विरोध जारी रहेगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के निष्कासन की कार्रवाई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की। सभी 23 छात्रों पर एफआईआर भी कराने की तैयारी की जा रही है। आदेश में कहा गया है कि निष्कासन अवधि में छात्र न तो कक्षा में उपस्थित हो सकेंगे और न ही परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी इस मामले में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- छात्रों पर लाठीचार्ज, अमानवीय बर्ताव कर, फौजदारी की धाराएं लगाकर जेल भेजना बहुत ही आपत्तिजनक है। वहां के शिक्षण विभाग में कुछ लोग समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं, उनकी जांच न करवाकर छात्रों पर कार्रवाई की गई। छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय और दमनकारी है। क्या कमलनाथ सरकार के 1 साल का यही तोहफा है? 

पत्रकारिता विभाग से सौरभ कुमार, प्रखरादित्य, राघवेंद्र, विवेक, शुभम, अंकित कुमार, आकाश, रजनीश, अनूप, विपिन और विधि को, मीडिया प्रबंधन विभाग से आशुतोष, राहुल, नीतिषा को, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया विभाग से अभिलाष, अर्पित, रवि भूषण, अंकित, अर्पित, सुरेंद्र, प्रतीक, रवि को, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग से मोनिका को निष्कासित किया गया है।

विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों पर जातिवादी होने का आरोप लगाकर छात्रों ने किया हंगामा किया था। वहीं इससके पहले विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने जाति विशेष को लेकर लगातार विवादित ट्वीट किए थे। नाराज छात्रों ने दोनों प्रोफेसर पर जातिवादी होने का आरोप लगाया था और विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया था। छात्रों पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज भी किया गया। इस दौरान छात्रों की पुलिस ने पिटाई भी की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने घटना के दिन के विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे थे। इसके आधार पर 23 छात्रों को चिन्हित किया था। 

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh