Vyapam Scam: CBI कोर्ट ने दो अभ्यर्थियों को सुनाई 7 साल की सजा

9/17/2019 2:04:54 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में भर्ती से जुड़े व्यापमं घोटाले में दो अभ्यर्थियों को दोषी करार देते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनाई। सीबीआई कोर्ट ने यह फैसला सोमवार को केस की सुनवाई के दौरान दिया। सीबीआई के अनुसार, भोपाल में व्यापमं मामले के विशेष न्यायाधीश ने राकेश पटेल और तरुण उसारे को सात-सात साल सश्रम कारावास और 1,000-3,000 रुपये तक जुर्माने की सजा सुनाई है।


दोनों अभ्यर्थियों ने ASI और सूबेदार पद के लिए किया था आवेदन
इस केस में दोनों अभ्यर्थियों ने 2013 में पुलिस एएसआई और सूबेदार पद पर भर्ती के लिए आवेदन दिया था। यह मामला उच्चतम न्यायालय ने जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश पुलिस इसकी जांच कर रही थी।



ये है पूरा मामला
बता दें कि, राकेश पटेल व तरुण उसारे पर आरोप था कि उन्होंने नौ जून, 2013 को आयोजित परीक्षाओं की ओएमआर शीट की चोरी और उसके साथ छेड़छाड़ की थी। इसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया गया था। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब व्यापमं के कंप्यूटर प्रभाग में 15 जून, 2013 को जब स्कैन करने के लिए ओएमआर शीट वाले लिफाफे खोले गए तो उनमें से दो ओएमआर शीट गायब थी। इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक को दी गई। इसके बाद जब वहां मौजूद लोगों की तलाशी ली गई तो दो ओएमआर शीट की फोटो कॉपी सुरक्षा गार्ड के पास रखे बैग में से निकली। गार्ड ने बताया कि वह बैग व्यापमं के किसी कर्मचारी का है। जांच में पता चला कि चोरी कनिष्ठ कर्मचारियों ने सुरक्षा गार्ड की मदद से की थी।



कचरे के ढेर से मिली ओएमआर शीट
मामला गरमाया तो आरोपियों की निशानदेही पर ओएमआर शीट कचरे के ढेर से मिली। मध्यप्रदेश पुलिस ने इस संबंध में दो अभ्यर्थियों उसारे और पटेल को भी आरोपी बनाया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 29 जुलाई, 2013 को आरोपपत्र दायर किया। जांच आगे बढ़ी तो सबूत जुटाने के बाद सीबीआई ने 25 मई, 2017 को पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। वहीं निचली अदालत ने दो अभ्यर्थियों को दोषी पाया और व्यापमं के सुरक्षा गार्ड सहित तीन कर्मचारियों को बरी कर दिया।

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