सांप के काटने से बच्चे की मौत, डॉक्टर की परिजनों को फटकार, किस युग में जी रहे हो

9/10/2019 1:23:43 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): छतरपुर में सांप के काटने से नाबालिग की मौत का मामला सामने आया है जहां बच्चे की मौत हो गई है। जिसे मौत के बाद परिजन फिर जिला अस्पताल लाए हैं। जहां उसका PM किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मामला गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र के ग्राम पिड़पा का है जहां के किसान हरि रैकवार का कक्षा 7वीं में पढ़ने वाला 12 वर्षीय बेटा हरिओम मूंगफली के खेत में बकरी चराने गया था। जहां खेत में उसका साँप पर पैर पड़ गया और सांप ने उसके पैर में काट लिया।



घटना की जानकारी लगने पर परिजन उसे अस्पताल न ले जाने के बजाय उसकी झाड़-फूंक (जादू-टोना) कराते रहे पर उसको आराम न मिलने पर बाद में जिला अस्पताल लाए जहां डाक्टरों ने गंभीरता को देखते हुए बच्चे को जिला अस्पताल से ग्वालियर रेफर कर दिया। परिजन एम्बुलेंस से ग्वालियर जा रहे थे तभी रास्ते में किसी ने उन्हें अन्यत्र झाड़-फूंक कराने की सलाह दे दी। जिसके बाद वह ग्वालियर मेडिकल न जाकर अन्यत्र स्थान ( रतनगढ़ ) ले गए जहां रात भर बच्चे की झाड़-फूंक कराते रहे। वहां फिर भी बच्चा ठीक नहीं हुआ तब कहीं जाकर ग्वालियर मेडिकल ले गए। जहां डॉक्टरों ने समय पर न आने और इलाज में देरी होने पर उसे मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टरों की परिजनों को फटकार, किस युग में जी रहे हो
परिजन फिर मृत बच्चे को वापिस छतरपुर जिला अस्पताल लाए। परिजनों से जब डॉक्टरों ने वजह जानी तो वे हैरान रह गए। डॉक्टरों ने उनकी नासमझी पर परिजनों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पता नहीं तुम लोग किस युग में जी रहे हो। बेबकूफों ने झाड़-फूंक के चक्कर में बच्चे की जान गंवा दी। अगर ये सीधा ग्वालियर मेडिकल ले जाते तो बच्चे की जान बच भी जाती। वहीं अब परिजन भी अपनी गलती को स्वीकारते हुए बच्चे की मौत का विलाप कर रहे हैं। कि नासमझी में बच्चे की जान गंवा बैठे। मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि बुंदेलखंड में आज भी लोग पाषाण युग में जी रहे हैं अस्पताल में डॉक्टर की हिदायत के बाबजूद रातभर झाड़ फूंक कराते रहे और बच्चे की जान गंवा बैठे।

Vikas kumar

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