गीदम में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर होगा: CM भूपेश बघेल

3/9/2023 6:22:18 PM

रायपुर (सतेंद्र शर्मा):- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (bhupesh baghel) आज जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर (maa danteshwari mandir) परिसर में आयोजित फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में शामिल हुए। यहां मुख्यमंत्री ने गीदम में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर करने, गीदम को नए राजस्व अनुभाग का दर्जा देने और शंखनी-डंखनी नदी में पर्यटन के लिए रिवर फ्रंट व्यू पॉइंट का निर्माण करने की घोषणा की है। फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में पहली बार शामिल हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यहां ओड़ीसा, तेलंगाना सहित बस्तर के 851 देवी, देवताओं की बिदाई को अदभुत बताया।

बिना समझे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नहीं पहचाना जा सकता! 

उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के कई रंग हैं, बस्तर के दशहरा के समान दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मां दंतेश्वरी के आंगन में होली खेलने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों देवी-देवता यहां आते हैं। हमारे यहां की आदिवासी परंपराओं के पीछे जो भाव, दर्शन और कथाएं हैं, उसे जाने-समझे बिना छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नहीं पहचाना जा सकता। सरकार ने अपनी गौरवशाली और अनूठी परंपराओं और तीज-त्यौहारों को सहेजने का काम किया है। गांव-गांव में स्थित देवगुड़ियों के संरक्षण का काम भी इसी उद्देश्य से शुरू किया है। आदिवासी परंपराओं को आगे बढ़ाने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बजा मोहरिया को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में शामिल करते हुए उनके लिए 7 हजार रुपए की वार्षिक सहायता की व्यवस्था की गई है। 

आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर जोर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में कोटवारों, गांव के पटेलों, मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले रसोइयों, स्कूलों के स्वच्छता कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों और होमगार्ड के जवानों के मानदेय में वृद्धि का प्रावधान किया गया है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना (ram van gaman paryatan paripath) के जरिये छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी ऐसी ही स्मृतियों को सहेजा जा रहा है। राज्य सरकार ने इस साल के बजट में भी छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों और परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ (mukhyamantri paryatan udyog sambal yojana) की घोषणा की है। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति अपनाई है। बस्तर को पहले नक्सली घटनाओं के लिए जाना जाता था, आज  बस्तर की पहचान दंतेवाड़ा का डेनेक्स, जगदलपुर का काजू और कॉफी, नारायणपुर की फूल झाड़ू, कोंडागांव का तिखुर और कांकेर के मिलेट्स कारखाने से होती है।

प्रदेश में चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस साल के बजट में प्रदेश में चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। इनमें से एक मेडिकल कॉलेज गीदम में खोला जाएगा। मेडिकल कालेज के स्थापना से अंचल में चिकित्सकों की कमी दूर होगी और यहां के बच्चे अध्ययन कर यहीं अपनी सेवाएं देंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न जगहों से पहुंचे देवी-देवताओं के आशीर्वाद से बस्तर उन्नति की राह पर चलेगा। कार्यक्रम को उद्योग और प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, विधायक देवती कर्मा ने भी सम्बोधित किया।

पुजारियों को सामग्री और देवगुड़ियों को दिया गया सामुदायिक वनाधिकार पत्र

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के उपरांत पुजारियों को सामग्री भेंट की। जिसमे विकासखंड कटेकल्याण के अनतराम पुजारी, कटेकल्याण जिहाकोड़ता के दशरू कवासी, गीदम विकासखंड के तुमनार निवासी बुधराम डेगल, दंतेवाड़ा विकासखंड से रामलाल गायता, जगदलपुर महुपाल केे आशाराम पुजारी को भेंट दिए। कार्यक्रम में जिले के सामुदायिक वन अधिकार पत्र के वितरण के तहत 5 देवगुड़ियों को प्रतीकात्मक स्वरूप सामुदायिक वन अधिकार पत्र का वितरण किया गया। जिले में अब तक 122 देवगुड़ियों को सामुदायिक वनाधिकार पत्र जारी किया जा चुका है। इसमें मुख्यमंत्री के हाथों कुआकोंडा के रेंगानार दंतेवाड़ा विकासखंड के मेटापाल, भोगाम, केशापुर और गीदम के कारली के मातागुड़ी को सामुदायिक वनाधिकार पत्र दिया गया।  

Vikas Tiwari

This news is Content Writer Vikas Tiwari