देश-दुनिया को आज भगवान महावीर के विचारों और सिद्धांतों की ज्यादा जरूरत: सीएम भूपेश बघेल

7/13/2022 1:02:44 PM

रायपुर (सतेंद्र शर्मा): मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा है कि आज देश और दुनिया को भगवान महावीर (lord mahaveer) के सत्य, अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। आज देश और दुनिया में कट्टरता और हिंसा का वातावरण है। हम सहजता, सरलता, सहिष्णुता को भूल गए हैं। हम किसी दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दूसरे के विचारों के लिए थोड़ा भी स्थान नहीं है। ऐसे समय में महावीर जी के वचनों का, उनके सिद्धांतों का, श्रवण करना व अनुसरण करना समाज के लिए बहुत आवश्यक है।

सीएम ने विशुद्ध सागर महाराज से लिया आशीर्वाद  

मुख्यमंत्री आज रायपुर के सन्मति नगर फाफाडीह स्थित विशुद्ध सभा गृह में आयोजित विशुद्ध वर्षायोग कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर महाराज सहित 21 संतों के चातुर्मास के लिए रायपुर आगमन पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर महाराज से प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया। 

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महावीर के सिद्धांतों का पालन करना कठिन कार्य 

सीएम भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि हमारा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ में आचार्य विशुद्ध सागर महाराज (sagar maharaj) के साथ 21 संतों का आगमन हुआ है। भगवान महावीर के जो सिद्धांत है, उसका पालन करना, सत्य, अहिंसा, अस्तेय जैसे व्रत का जीवन में पालन करते हुए संत की उपाधि प्राप्त करना, कोई साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है।

चातुर्मास में संतों का आगमन शुभ 

सीएम ने कहा कि संतों के चरण रज पड़ने से सुखद वातावरण निर्मित होता है। हम विशुद्ध सागर जी महाराज के विचारों को सुनेंगे व जीवन में उतारेंगे, उसका पालन करेगें, तो समाज में भाईचारा और प्रेम स्थापित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा इस साल का चातुर्मास हम सबके लिए यादगार रहेगा। वैसे भी चातुर्मास का सबको इंतजार रहता है। तपती धूप के बाद जैसे धरती को भी जल का इंतजार रहता है। वनस्पति और जीवों को भी पानी का इंतजार रहता है, वर्षा की फुहार पड़ती है, तो धरती तृप्त हो जाती है। उत्साह का संचार होता है। उसी प्रकार चातुर्मास में संत का आगमन हो तो, वैसे ही प्रसन्नता होती है।

राम की माता कौशल्या की है जन्मस्थली 

विशुद्ध वर्षा योग 2022 कार्यक्रम में आचार्या शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने छत्तीसगढ़ की महत्ता बताते हुए मंगल आशीष में कहा कि छत्तीसगढ़ तीर्थंकरों की भूमि है, यहां भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है। बच्चे को मां से ज्यादा दुलार ननिहाल में मिलता है। इसी कारण यहां 22 संत एक साथ पहुंचे हैं। जहां संत का आगमन होता है, वहां जीयो और जीने दो जैसे पवित्र विचार का संचार भी स्वाभविक रूप से होता है। विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि विश्व में कट्टरता और हिंसा का बोलबाला है, लेकिन अंत में उन्हें अहिंसा का ही निर्णय लेना पड़ेगा।

बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ये लोग

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप कुशवाहा, रायपुर महापौर एजाज ढेबर, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी, राकेश बाकलीवाल सहित समाज के अनेक पदाधिकारी और जैन समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सीएम भूपेश ने इस अवसर पर आचार्य विशुद्ध सागर महाराज द्वारा विरचित और ताम्रपत्र पर छपे ‘सत्यार्थ बोध‘ ग्रंथ का विमोचन किया।  


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News Editor

Devendra Singh

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