CM मोहन ने की बड़ी घोषणा, सीएम राइज स्कूलों का नाम हुआ सांदीपनी स्कूल
Tuesday, Apr 01, 2025-12:29 PM (IST)

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 1 अप्रैल को 'स्कूल चलें हम अभियान-2025' की शुरुआत की। वे इस अभियान के अंतर्गत शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की शुरुआत में एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्राओं से संवाद किया, तो दूसरी तरफ स्टूडेंट्स ने उनका इंटरव्यू भी लिया। उन्होंने इस दौरान बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अब सीएम राइज स्कूल सांदीपनी स्कूल के नाम से जाने जाएंगे। उन्होंने इस मौके पर प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इन प्रदर्शनियों में पेंटिंग, माटी कला सहित कई कलाकृतियां शामिल थीं। इस दौरान छात्रों ने सीएम डॉ. मोहन यादव को उनका स्कैच भी दिखाया। स्कैच देखने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उस पर ऑटोग्राफ दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं पर पुष्पवर्षा कर सभी का स्वागत किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन बेहद खास है। आज स्कूल चलें अभियान का शुभारंभ है। हमारी सरकार छात्रों के कल्याण के लिए संकल्पित है। स्कूल चलो अभियान की शुरुआत 5 हजार साल पहले ही हो गई थी। भगवान श्री कृष्ण ने 11 साल की उम्र में कंस को जरूर मारा, लेकिन ऋषि-मुनियों को उनकी शिक्षा की भी चिंता थी। बहुत सोच-विचार कर उन्होंने श्री कृष्ण को पढ़ाई के लिए सांदीपनी आश्रम भेजा।
सरकारी स्कूल में पढ़ने से प्रतिभा पर असर नहीं
सीएम डॉ. यादव ने बच्चों से कहा कि श्री कृष्ण-सुदामा की दोस्ती आपके लिए पाठ है। आप भी जिनसे दोस्ती करो, उनसे आत्मीयता जीवनभर बनाए रखो। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने से प्रतिभा पर कोई असर नहीं होता। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी हस्तियों का जीवन कष्टों में बीता, लेकिन उसके बावजूद इन सभी ने संकटों को पार करते हुए अपनी पहचान स्थापित की।
हमारे छात्र-छात्राओं का इंतजार दुनिया कर रही
सीएम डॉ. मोहन यादव ने स्कूली छात्र-छात्राओं से कहा कि दुनिया आपका इंतजार कर रही है। आप न केवल प्रदेश का, बल्कि देश का नाम आगे बढ़ाएं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का लाभ प्रदेश को मिल रहा है। हम प्रदेश को विकसित करने के लिए संकल्पित हैं। भोपाल में पहली बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट हुई तो उद्योगपतियों ने कहा कि ऐसी समिट कहीं नहीं देखी। आज हमारा प्रदेश बदल रहा है। हम सभी मिलकर प्रदेश को आगे बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं। आज हमने किया, कल की जिम्मेदारी आप पर है। हमारी सरकार ने तय किया है कि सीएम राइज स्कूल को अब सांदीपनी स्कूल के नाम से जाना जाएगा।
नए स्टूडेंट्स का हुआ स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में नए स्टूडेंट्स का स्वागत किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के स्कूली खिलाड़ियों का भी सम्मान किया। इसके साथ-साथ उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा पोर्टल 3.0 का शुभारंभ किया। गौरतलब है कि, प्रदेश में करीब 92 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें प्रायमरी, मीडिल, हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में लगभग 85 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
क्या है एजुकेशन पोर्टल 3.0
बता दें, इस साल एक अप्रैल से नए सेशन की शुरुआत हो रही है। प्रवेशोत्सव कार्यक्रम-2025 के माध्यम से सभी शासकीय-अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश की कार्रवाही एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर "स्टूडेंड डायरेक्ट्री मैनेजमेंट सिस्टम" प्रणाली पर की जा रही है। एजुकेशन पोर्टल में स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित सभी कार्यों को शामिल किया गया है। विभाग से संबंधित जानकारी पोर्टल के माध्यम से आसानी से मिल सकेगी।
भविष्य से भेंट कार्यक्रम में क्या होगा
स्कूल चलें हम अभियान के दूसरे दिन दो अप्रैल को स्कूलों में “भविष्य से भेंट’’ कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध, प्रबुद्ध और सम्मानित व्यक्तियों को प्रेरक की भूमिका में विद्यार्थियों से भेंट के लिए आमंत्रित किया जायेगा। इसी दिन स्थानीय स्तर पर विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाड़ी, साहित्यकार, कलाकार, मीडिया, संचार मित्रों, पुलिस अधिकारी, राज्य शासन के अधिकारी को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा।
पैरेंट्स का होगा सम्मान
"स्कूल चलें हम अभियान" के अंतर्गत 3 अप्रैल को स्कूल स्तर पर पैरेंट्स के साथ सांस्कृतिक-खेल-कूद की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य पैरेंट्स का स्कूल से जुड़ाव करना है। इसी दिन स्कूल में उपस्थित पैरेंट्स को स्टाफ द्वारा राज्य सरकार की स्कूल शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। पिछले शैक्षणिक-सत्र में जिन विद्यार्थियों की 85 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति रही है, उनके पैरेंट्स को सभा में सम्मानित किया जाएगा।
हार के आगे जीत से बदलेगा भविष्य
"स्कूल चलें हम अभियान" के अंतर्गत 4 अप्रैल को ऐसे छात्रों को चिन्हित किया जाएगा, जो किन्हीं वजहों से अगली कक्षा में नहीं आ सके। पैरेंट्स को इन बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए समझाइश दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि असफल होने के बाद भी लगातार प्रयास से अच्छा भविष्य तैयार किया जा सकता है। इसी दिन स्कूल प्रबंधन और विकास समिति की बैठक भी होगी। बैठक में नए एजुकेशन सेशन में ऐसे बच्चों पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी, जिनका स्कूलों में नामांकन नहीं हो पाया है। समिति के सदस्य अपने विद्यालयों में शत-प्रतिशत बच्चों के नामांकन की कोशिश करेंगे और वार्षिक कार्य-योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन पर चर्चा करेंगे।