पहली बार हुए 46,000 छात्रों के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए CM शिवराज, बोले- कांग्रेस के टाइम में IIT कॉलेज टपरे में चलते थे

9/21/2022 12:00:59 PM

भोपाल(विवान तिवारी): मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में पहली बार 40000 छात्रों के दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज चौहान ने एक बार फिर से सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कांग्रेस सरकार पर खूब हमला किया उन्होंने ये कहा कि कांग्रेस के जमाने में फिटर जैसे दो-तीन ट्रेड पढ़ाते थे, जबकि आईटीआई कॉलेज टपरे में चलते थे, पानी गिरे तो छाता लगाओ, दो-तीन ट्रेड में कोई ट्रेंड हो भी जाए तो उसे काम नहीं मिलता था।
 

ग्लोबल स्किल पार्क बोलते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये बताया कि मप्र में ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। हमने आईटीआई की बिल्डिंग अत्याधुनिक बनाई, ट्रेड्स बढ़ाए और अब गोविंदपुरा में ग्लोबल स्किल पार्क बन रहा है। विदेश की व्यवस्था पर बात करते हुए सीएम ने ये कहा कि मैं सिंगापुर में देखकर आया, वहां की आईटीआई (ITI- इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) बहुत एडवांस है। वहां सुई बनाने से लेकर हवाई जहाज सुधारने तक के काम हो रहे हैं।
 



• आईटीआई से निकलने वाले बच्चो को हर हाल में रोजगार मिलेगा: सीएम

बच्चों के भविष्य पर बात करते हुए सीएम ने ये कहा कि बीच में हमारी सरकार चली गई थी, जिस कारण  बिल्डिंग का काम धीमा हो गया। जाने कहां का ठेकेदार ला दिया, वो धीमा काम कर रहा है, लेकिन हम भी पीछे लगे हैं। अभी 6 हजार के बाद हम 10 हजार बच्चों को ट्रेंड करेंगे। इस बात की भी गारंटी होगी, यहां से निकलने वाले बच्चों को हर हाल में रोजगार मिलेगा। इस कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, रोजगार निर्माण बोर्ड अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा, उपाध्यक्ष नरेन्द्र बिरथरे, पीएस आकाश त्रिपाठी की मौजूद रहे। सीएम ने डिप्लोमा पूरा करने वाले आईटीआई छात्रों को सम्मानित भी किया।
 

• सीएम ने दी 10 संभागों में मॉडल आईटीआई की सौगात

दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदेश को एक बड़ी सौगात देते हुए सीएम ने ये कहा कि 10 संभागों में मॉडल आईटीआई बनेगी। वही उन्होंने ये कहा कि अब आईटीआई टपरों में नहीं, बल्कि अच्छी बिल्डिंग में चलेगी। शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना। मेरा ऐसा मानना है कि जिनको किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल करनी है, उसके लिए लिए उच्च शिक्षा बेहतर है। लेकिन हर बच्चा उच्च शिक्षा क्यों हासिल करें?

एक बार मैंने बच्चों से पूछा क्या कर रहे हो, तो जवाब मिला बीए कर रहे हैं। मैंने पूछा उसके बाद तो बच्चे बोले एमए, फिर लॉ करेंगे। मैने पूछा लॉ के बाद क्या करेंगे तो बच्चों ने जवाब दिया, पता नहीं। जिसमें रोजगार और जीवन की दिशा तय न हो, कोई लक्ष्य न हो, ऐसी पढ़ाई का क्या मतलब। जिनको विशेषज्ञता हासिल करनी है, वे मास्टर्स करें डिग्रियां लें, लेकिन जिनको यह लगता है कि पढ़ने के बाद हाथों में कुशलता सीखनी है, काम धंधा, जॉब या अपना काम धंधा करना है, तो उनके लिए मैं आईटीआई को सर्वश्रेष्ठ मानता हूं। दिशाहीन पढ़ाई का मतलब ही क्या है। आईटीआई बच्चों के हाथों में कौशल देने के लिए जरूरी है। जिन हाथों में कौशल होगा वे बेरोजगार नहीं रहेंगे।

meena

This news is Content Writer meena