सबसे छोटे जिले में सबसे बड़ा सम्मान पाकर भाव विभोर हुए CM शिवराज, बोले- खंगार समाज की शान कभी जाने नहीं दूंगा

12/29/2022 1:07:40 PM

भोपाल/निवाड़ी(विवान तिवारी) : सीएम शिवराज के एक्शन वाले अवतार की चर्चा जमकर हो रही है। ये खास चर्चा जब तक थमती दिखाई पड़ती है वैसे ही सीएम शिवराज फिर अपना एक्शन दिखाकर दोबारा चर्चा के केंद्र बन जाते है। खबर तो यहां तक है कि अब प्रदेश से बाहर निकल कर देश के हिंदी पट्टी राज्यों से होते हुए मुख्यमंत्री चौहान के नायक अवतार की चर्चा दक्षिण भारत के राज्यों में भी होने लगी है।

मध्य प्रदेश के मुखिया चौहान ने निवाड़ी जिले के गढ़कुंडार महोत्सव पहुंचकर मंच पर से ही ऐलान करते हुए ये कहा कि निवाड़ी जिला मुझे प्राणों से प्यारा है। यहां के कलेक्टर को लेकर मुझे कई गंभीर शिकायतें जनता से प्राप्त हुई हैं। इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से निवाड़ी जिले के कलेक्टर को हटाता हूं। साथ ही जमीनों के नामांतरण में अनियमितता को लेकर तहसीलदार को भी तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। सीएम शिवराज सिंह ने निवाड़ी में महोत्सव के दौरान जिलेवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सबसे पहले महाराजा खेतसिंह खंगार के चरणों में शीश झुकाता हूं। वह अद्भुत योद्धा थे। जब मोहम्मद तुगलक ने गढ़कुंडार पर आक्रमण किया तो उन्होंने उसके दांत खट्टे किए।

• पगड़ी से बड़ा कोई सम्मान नहीं: सीएम शिवराज

प्रदेश के सबसे छोटे जिले में पहुंचने के बाद हुए स्वागत सत्कार पर भावविभोर होते हुए सीएम शिवराज ने ये कहा पगड़ी से बड़ा कोई दूसरा सम्मान नहीं है। मैं खंगार समाज को विश्वास दिलाता हूं कि इस पगड़ी का मान, आपका सम्मान और खंगार समाज की शान कभी जाने नहीं दूंगा। यह गढ़कुंडार महोत्सव लगातार जारी रहेगा। उन्होंने यह कहा कि आपने मुझे जो यहां मुकुट पहनाकर मेरा सम्मान किया है। यह सम्मान स्वीकार करने के बाद, मैं इसे खंगार समाज को भेंट करना चाहता हूं। जब गरीब बेटियों की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शादी होगी तो इस मुकुट से बिछिया बनाकर उन बेटियों की उंगली में पहना देना। खंगार समाज के शासकीय कर्मचारियों को खुशखबरी देते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि महाराजा खेतसिंह की जयंती के दिन खंगार समाज के शासकीय कर्मचारियों को ऐच्छिक अवकाश प्रदान किया जाएगा, ताकि वे समारोह में भाग ले सकें। जनता की सेवा मेरा धर्म है। जो अधिकारी-कर्मचारी जनता की सेवा करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, लेकिन जो गड़बड़ करेगा वो बचेगा नहीं।

• महाराज खंगार की वजह से राजपूतों को मिली थी सिंह की उपाधि

ऐसा कहा जाता है कि राजपूतों को सिंह शब्द की उपाधि महाराजा खेत सिंह खंगार की वजह से मिली थी। जानकारी के अनुसार महाराजा खेत सिंह खंगार जूदेव की चंद्रवंशी क्षत्रिय राजपूत राजा थे। इनका जन्म गुजरात (सौराष्ट्र) राज्य जुनागढ में चुडासमा वंश के राजा और उनके पिता जूनागढ़ नरेश महाराजा राजा रूढदेव खेंगार जी के परिवार में विक्रम संवत ११९७ पौष मास चैत्र शुक्ल पक्ष में ईस्वी संवत 114027 दिसंबर हुआ था।

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