महाकाल लोक: शिव भक्त ''मोदी'' को ''शिवराज'' का सबसे खास तोहफा...जानिए अद्भुत लोक के बारे में सबकुछ

10/9/2022 1:09:06 PM

भोपाल (विवान तिवारी): हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।' ये बोल देश के प्रधानमंत्री और शिवभक्त नरेंद्र मोदी के है। यह पहली बार नहीं है ऐसा कई बार हो चुका है जब खुले मंच पर लोगों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शिव भक्त होने को लेकर के कई प्रमाण दे दिया करते हैं और आदिदेव महादेव के प्रति सच्ची श्रद्धा का एहसास कराते है। 

ऐसे में उनकी भोले भंडारी को लेकर के इस सच्ची श्रद्धा का सम्मान करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बहुत बड़ा तोहफा पीएम मोदी को दे दिया है। वो उपहार है महाकाल की नगरी उज्जैन में बना "महाकाल लोक" जिसके लोकार्पण के लिए पीएम मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि करीब 300 वर्षों के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कालखंड में महाकाल लोक का निर्माण किया गया है यह लोक विध्वंस की तमाम कहानियों को पीछे छोड़कर सनातन धर्म के वैभव की बिल्कुल अलग कहानी कहने के लिए प्रथम चरण में तैयार बनकर खड़ा है।

• 5000 वर्षो के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहे है शिवराज

मीडिया रिपोर्ट्स और अध्यात्म से जुड़े कई लेखों में यह बताया गया है कि महाकवि कालिदास और जन कवि तुलसीदास की रचनाओं में महाकाल मंदिर और उज्जैन का उल्लेख मिलता है राजा विक्रमादित्य, राजा चंद्रप्रधोत होते राजा भोज ने बाबा के इस मंदिर का भव्य निर्माण करवाया था। इसके बाद कई काल खंडों में हिंदू सम्राट से लेकर सिंधिया राजवंश के राजा यहां पूजा पाठ किया करते थे। इस पावन नगरी की ज़मीन सदियों से भारत के शास्त्रों और ग्रंथों में उल्लेखित है यही नहीं लोक जीवन में इस जमीन की जो मिट्टी है उसके एक-एक कण को आमजन पूजते है।

ऐसा कहा जाता है कि वर्तमान में जो महाकाल मंदिर का स्वरूप बना हुआ है जिसे देखने के लिए देशभर से लोग आते हैं उसे वर्ष 1734 से लेकर 1863 में मराठा शासकों ने बनवाया था और ऐसे में इतिहासकार और कई बड़े जानकारों का यह कहना है की 5000 वर्षों के बाबा महाकाल की नगरी के इतिहास में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महाकाल लोक  का नरेंद्र मोदी को उपहार देकर एक नया इतिहास जोड़ने जा रहे है। 

• चार चांद लगा रहा मोदी की शिवभक्ति में शिवराज का ये अविस्मरणीय उपहार 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिव भक्ति का उदाहरण कई बार देखा जाता रहा है, वहीं उनके भाषण भी उनकी सच्ची भक्ति का हमेशा एहसास कराते ही रहते हैं। चाहे काशी विश्वनाथ में उनकी कही गई यह बात हो की ह्रदय गदगद है मन आल्हादित है चाहे फिर केदारनाथ के 12,000 फीट से भी अधिक की ऊंचाई वाले एक गुफा में जाकर शांत मन से घंटो ध्यान करना हो। ऐसा कहते है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाबा केदारनाथ के धाम नियमित रूप से जाना महज आस्था ही नहीं, बल्कि जन-कल्याण के लिए शक्ति संचय का संगम-स्थल भी है। ऐसे में जब देशभर में त्योहारों की गूंज है और बाबा महाकाल की नगरी में एक नया अध्याय जोड़ने वाले इस उपहार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पीएम मोदी को भेट करना उनकी शिव भक्ति को और ज्यादा गहरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

• अब बात उस खास तोहफे की

ऐसा कहा जाता है कि जब यह पूरी दुनिया नहीं थी तब भी काल यानी जिसे समय कहा जाता है वह हुआ करता था जब दुनिया की शुरुआत हुई तब समय ने ही सृष्टि का महामस्तकाभिषेक किया और उसके बाद दुनिया को चलते रहने के लिए काल ने ही संघार का विधान भी रचा और इसी काल के अधिपति देवता है बाबा महाकाल जो विराजे हुए हैं देश के बिल्कुल मध्य में जिसे भारत की गौरवशाली प्राचीन नगरी उज्जैन कहा जाता है। हजारों वर्षों से इस शहर में महाकाल का वैभव गूंज रहा है और उसी की प्रतिध्वनि श्री महाकाल लोक में सुनने को मिलने वाली है। सीएम शिवराज के दिए इसे उपहार के रूप में महाकाल लोक के भव्य और विराट परिसर के लोकार्पण के लिए 11 अक्टूबर को आदिदेव शिव के भक्त और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। महाकाल लोग विश्व की तमाम सभ्यताओं संस्कृतियों के लिए नए भारत की उस प्रचंड होती धर्म शक्ति का एक नया परिचय भी होगा जो समय के संकेत को पाकर एक बार फिर से प्रज्वलित होकर बलवान हो रही है। 

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा होगा महाकाल लोक

जानकारी के अनुसार इस पूरे लोक का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है यही नहीं ऐसा बताया जा रहा है कि महाकाल लोक उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना ज्यादा बड़ा होगा। जहां एक ओर काशी विश्वनाथ 5 हेक्टेयर में फैला है तो वहीं दूसरी ओर यह सीधे-सीधे 20 हेक्टेयर में तैयार होगा। इसे पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के बिल्कुल किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां पर भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां भित्त चित्रों के साथ बनाई गई। यही नहीं श्रद्धालु हर एक भित्त चित्र की कथा स्कैन करके सुन सकेंगे। इसके साथ ही सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताज में विराजित शिव, 108 स्तंभों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तंभ और भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमा भी इस महाकाल लोक में मौजूद है। 

इस कार्य में खर्च होंगे 800 करोड़

इस भव्य लोक और लोकार्पण की चर्चा सिर्फ मध्य प्रदेश या देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है। इस भव्य महाकाल लोक के परिसर के विस्तार की कल्पना वर्ष 2016 शुरू कर दी गई थी, मगर ऐसा कहा जाता है कि प्रारंभिक चरण में नागरिकों, मंदिर समिति और इससे संबंधित सभी लोग से चर्चा की गई और उनके विचारों को ध्यान में रखते हुए इस पूरे लोग के विस्तार की योजना बनी। शुरुआत में योजना की लागत 95 करोड़ थी जिसे बढ़ाकर 800 करोड़ रुपए से भी अधिक किया गया। 

Devendra Singh

This news is News Editor Devendra Singh