''मीसाबंदी पेंशन'' पर मचा सियासी बवाल, BJP ने शुरू किया घर-घर अभियान

1/3/2019 2:54:12 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में मीसाबंदी पेंशन बंद किए जाने को लेकर तकरार बढ़ती ही जा रही है। लोकतंत्र सेनानी संघ ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल में प्रदेश भर के मीसाबंदियों की बैठक बुलाई है।  इस बैठक में आने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विरोध की रणनीति तैयार की जाएगी इसके साथ ही बीजेपी मीसाबंदियों के घर घर जाकर भी मुलाकात कर रही है।

दरअसल, लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष और बीजेपी नेता तपन भौमिक ने गुरुवार को ऐसे मीसाबंदियों के घर जाकर मुलाकात की जो दयनीय हालत में हैं और पूरी तरीके से इसी पेंशन पर निर्भर हैं। इससे पहले तपन भौमिक ने कहा था कि जांच की कोई बात है ही नहीं। बदले की भावना से फैसला लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन रोकने के विरोध में कोर्ट का सहारा लेंगे. हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं।

मीसाबंदियों के साथ अन्याय
तपन भौमिक ने कहा कि 'मीसाबंदियों के साथ यह फैसला पूरी तरह से अन्याय है। सही व्यक्तियों को ही पेंशन मिल रही है। जो हकदार है उन्हें ही पेंशन दी जा रही है। एक भी व्यक्ति फर्जी नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ का ये फरमान तुगलकी है। अब तक जांच की तारीख निश्चित नहीं है. लेकिन मामले की जांच कब होगी, जांच कौन करेगा। ये सब बातें अब तक तय नहीं है. जांच होने तक पेंशन मिलती रहनी चाहिए'।


बीजेपी सरकार लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि के तौर पर 25 हजार रुपए हर महीने देती आई है. आपातकाल के दौरान एक दिन भी जेल में गुजारने वालों को बतौर सम्मान आठ हजार रुपये मिलते हैं, वहीं एक माह से ज्यादा के मीसाबंदियों को 25 हजार रुपए मासिक सम्मान निधि से दिया जाता है।

 

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