पंजाब केसरी पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस का 'पीके' प्लान Exclusive

6/2/2020 2:00:38 PM

मध्यप्रदेश(हेमंत चतुर्वेदी): इस बात को हम दरकिनार नहीं कर सकते, कि मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव न सिर्फ सूबे की सियासत बल्कि विपक्षी दल कांग्रेस का भविष्य भी तय करने वाले होंगे। खुद के अस्तित्व से जुड़े इस चुनाव के लिए कांग्रेस भी पूरी तरह तैयार नजर आ रही है, और तमाम तरह की चुनौतियों के बाद भी वह सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए अपना दमखम लगा रही है। कांग्रेस की इस कवायदों के एक हिस्से के तौर पर हम उसके चुनावी प्लानर प्रशांत किशोर को भी देख सकते हैं, जिन्हें संभवत: पहली बार किसी उपचुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। चूंकी इन उपचुनावों भी देश के इतिहास में किसी भी विधानसभा के सबसे अहम उपचुनाव के तौर पर देखा जा रहा है, ऐसे में इसे लेकर कांग्रेस की गंभीरता भी स्वभाविक है और सियासत की इस कसौटी पर खरा उतरने के लिए कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा एक खास प्लान भी तैयार किया गया है, जिसे दो प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है, इसमें एक तरफ जहां दिग्गज नेताओं के जरिए कांग्रेस का खालीपन भरने की कवायद निहीत है, तो दूसरी ओर अपने प्रतिद्वंदी भाजपा की जगह खासकर सिंधिया को टारगेट करने का मसौदा तैयार किया गया है। 

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दिग्गजों को प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव
जैसा, कि हमनें पहले बताया कि कांग्रेस के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती संबंधित सीटों पर प्रत्याशियों के चयन की है। लिहाजा प्रशांत किशोर ने इन सीटों पर कांग्रेस के दिग्गजों को उतरने की सलाह दी है, जिससे चुनाव प्रचार को धार मिलने के साथ मजबूत प्रत्याशी की कमी भी पूरी हो सके। सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर ने इस उपचुनाव में अजय सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, मीनाक्षी नटराजन, विपिन वानखेड़े और फूल सिंह बरैया जैसे नेताओं को प्रत्याशी बनाने की सलाह दी गई है। कांग्रेस के भीतरी खबरों का तो यहां तक दावा है, कि संबंधित नेताओं के लिए सीट का चयन भी कर लिया गया है, लेकिन पार्टी के ये दिग्गज विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाते हैं या नहीं, इसका हर किसी को इंतजार है। 

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भाजपा के नाराज नेताओं पर डोरे
प्रशांत किशोर की रणनीति के तहत कांग्रेस भाजपा के नाराज नेताओं पर लगातार डोरे फैंकने का काम कर रही है, और भाजपा की इस फूट को भुनाने की उसकी पूरी कोशिश की है। दावा है, कि हाटपिपल्या से दीपक जोशी और अनूपपुर विधानसभा से रामराल रौतेल कांग्रेस के टारगेट पर हैं, जिन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया जा चुका है। इसके अलावा बामौरी विधानसभा सीट पर भाजपा से पूर्व मंत्री रहे केएल अग्रवाल भी कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं, साथ ही डबरा में बसपा की सत्यप्रकाशी परसेड़िया पर भी कांग्रेस दांव खेलने के विचार में है। हालांकि इस विषय में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। 

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सिंधिया को घेरने के लिए स्पेशल प्लान
प्रशांत किशोर की टीम ने इस उपचुनाव में प्रमुख फोकस ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने पर किया है। लिहाजा इस दौरान कांग्रेस भाजपा की मुखालिफत कम, बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेने के लिए ज्यादा मेहनत करती नजर आएगी। सिंधिया के गढ़ ग्वालियर चंबल अंचल पर कांग्रेस का विशेष फोकस रहेगा, और ग्वालियर में ही कांग्रेस का वॉर रूम बनेगा। पार्टी उपचुनाव की लड़ाई को कमलनाथ वर्सेस शिवराज करने की बजाए, कमलनाथ वर्सेस सिंधिया करने की कोशिश में है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रचार अभियान का सबसे प्रमुख मुद्दा यह रहेगा, कि सिंधिया ने आम जनता के वोटों को भाजपा के लिए नीलाम कर दिया। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नेता और भाजपा के संभावित प्रत्याशी प्रमुख तौर पर कांग्रेस के निशाने पर रहने वाले हैं, जिसके लिए उसने कवायदें भी शुरू कर दी है। कांग्रेस के प्रचार अभियान में भी इसकी प्रमुख झलक देखने को मिलेगी। 

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सिर्फ कर्जमाफी और बिजली की बात
वहीं प्लान पीके के मुताबिक, कांग्रेस अपने 15 महीने के कार्यकाल का चुनावी अभियान में ज्यादा जिक्र नहीं करेगी। प्रचार अभियान के दौरान उसका प्रमुख फोकस किसानों की कर्जमाफी और सस्ते बिजली बिलों पर रहेगा। हालांकि इस बीच कांग्रेस राम वनगमन पथ के जीर्णोद्धार के ब्लू प्रिंट और पुजारियों का मानदेय बढ़ाने संबंधी अपने फैसलों को आगे रखके हिंदुत्व कार्ड भी खेल सकती है।


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Edited By

meena

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