MP में कांग्रेस लोकल उम्मीदवार के साथ लड़ सकती है चुनाव, पैराशूट की 'नो एंट्री'

2/8/2019 11:58:32 AM

भोपाल: लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई हैं। ऐसे में सभी पार्टियां सबसे पहले उम्मीदवारों पर मंथन कर रही हैं। मध्यप्रदेश में 29 सीटें हैं जिसमें से 26 सीटों पर अभी बीजेपी का कब्जा है। इस बार हालात थोड़ा बदले हैं, क्योंकि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इस लिहाज से कांग्रेस लोकसभा में भी बेहतर परफॉर्म कर सकती है। हालांकि वोट प्रतिशत के लिहाज से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी बराबर ही थी, लेकिन गठबंधन के सहारे कांग्रेस ने सरकार बना ली।


 

कांग्रेस  बना रही ज्यादा सीटें जीतने का प्लान
अब लोकसभा चुनाव पर जीत से उत्साहित कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों को जीतने का प्लान तैयार कर रही है। इस लिहाज से रणनीति भी तैयार की जा रही है। ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने की प्लानिंग है, जो पार्टी को जीत ही दिला सकें।
 



राजनीतिक मंच से ही निकल के सामने आती हैं उसमें साफ होता है कि कांग्रेस फिल्मी सितारे के रूप में आशुतोष राणा को भी जबलपुर से चुनाव लड़ाने का प्लान बना रही है। लेकिन जब इसके राजनीतिक समीकरणों पर मंथन किया जाए तो सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी आशुतोष राणा के लिए उस शिद्दत से काम कर पाएगी,जो की  वह स्थानीय उम्मीदवार के लिए करती।


इन्हें  मिल सकता है कांग्रेस की तरफ से टिकट
अगर पार्टी पुराने कैंडिडेट को दोहराना चाहती है, तो बदलते हालातों के बीच राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को चुनावी मैदान पर फिर से कांग्रेस उतार सकती है।


 

अगर दूसरे नाम की बात करें तो, कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश यादव हैं जिन्हें पार्टी संगठन में कार्य करने के लिए प्रमोट करते हुए लोकसभा की टिकट दी जा सकती है। दिनेश यादव का नाम इसलिए लोकसभा के टिकट के लिए सामने आ रहा है क्योंकि दिनेश यादव ने जबलपुर में कांग्रेस को संगठित करने के लिए बेहतरीन कार्य किया है।


 

शांत स्वभाव के दिनेश यादव अपनी बेहतर कार्य शैली के लिए जाने जाते हैं साथ ही युवा हैं और पार्टी लाइन की रूपरेखा को आगे लेकर चलते हैं। इसके अलावा जो नाम उभर कर सामने आ रहा है उसमें बीजेपी से इस्तीफा दे चुके बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया है। जिनको कांग्रेस चाहती है कि उनको चुनावी मैदान पर उतार कर उनकी लोकप्रियता को भुना सके।

 

 


राकेश सिंह होंगे जबलपुर सीट के लिए उम्मीदवार
अब राजनीति का केंद्र बिंदु महाकौशल बन गया है जाहिर सी बात है महाकौशल के पीछे देखें तो दो पार्टी के 2 अध्यक्ष जुड़े हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ महाकौशल के ही जिले छिंदवाड़ा से ताल्लुक रखते हैं। तो राकेश सिंह जबलपुर से सांसद हैॆ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी। जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, इससे साफ जाहिर है कि जबलपुर की लोकसभा सीट से आने वाले लोकसभा चुनाव पर राकेश सिंह ही उम्मीदवार होंगे। लेकिन कांग्रेस की तरफ से जबलपुर से लोकसभा उम्मीदवार कौन होगा इस पर अभी से मंथन शुरू हो गया है



 

टिकट चयन पर कांग्रेस दे रही विशेष ध्यान
जबलपुर लोकसभा सीट पर कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी द्वारा खासकर सोशल नेटवर्किंग साइट पर सबसे ज्यादा खिल्ली उड़ाई जा रही है। सवाल राकेश सिंह से किए जा रहे हैं कि उन्होंने आखिर किया क्या। ऐसे में कांग्रेस विचार कर रही है कि राकेश सिंह को यहां से आसानी से हराया जा सकता है। लेकिन टिकट के चयन पर कांग्रेस पार्टी विशेष ध्यान दे रही है। जाहिर सी बात है लोकसभा चुनाव का वक्त कम है और क्षेत्र काफी व्यापक है।




ऐसे में पार्टी यह सोच रही है कि जल्द से जल्द कैंडिडेट का नाम सामने लाकर चुनावी मैदान पर उतार दिया जाए। हालातों को बदलते समय नहीं लगता ऐसे में पार्टी का मंथन बहुत ज्यादा हो जाता है।जिस तरह से बाहरी कैंडिडेट की बात भी आती है तो उससे पार्टी के प्रति गलत संदेश जाता है। लिहाजा आप पार्टी लोकल के उम्मीदवार पर ही भरोसा जता सकती है। 


 

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