कांग्रेस विधायक का छलका दर्द, बोले- मेरी न मंत्री सुन रहे न अफसर, क्या इस्तीफा दे दूं

5/22/2019 11:25:00 AM

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा बुलाई गई मीटिंग में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक विधायक ने बात न सुने जाने को लेकर इस्तीफा तक देने की बात कह दी। दरअसल, एग्जिट पोल के नतीजों से मचे घमासान के बीच सीएम कमलनाथ ने बैठक बुलाई थी। बैठक में मौजूद विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मेरी बात नहीं सुनी जा रही है। 


'मेरी बात न मंत्री सुन रहे हैं न अफसर'
आरिफ ने कहा, मेरी बात न मंत्री सुन रहे हैं न अफसर, क्या विधायक पद से इस्तीफा दे दूं। आरिफ ने ये बात जेल में बंद मुस्लिम रोजादार कैदियों को इफ्तारी न दिए जाने पर कही। आरिफ ने कहा कि जेल प्रबंधन द्वारा बंदियों को उनके परिजनों द्वारा रोजा इफ्तारी करने के लिए खाने-पीने का सामान दिए जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है, और न ही जेल प्रबंधन द्वारा रोजा रखने वाले बंदियों को रोजा इफ्तारी के लिए प्रबंध किया जा रहा है।



उन्होंने कहा कि मैं अपनी मांग रमजान शुरू होने के पहले जेल मंत्री, विभाग के अफसर और डीजी जेल के सामने रख चुका हूं। पर कोई नहीं सुन रहा है। आरिफ ने इस बारे में एक पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र की जनता ने जिस भरोसे से मुझे वोट दिए, मैं उनकी कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा हूं। इस स्थिति में क्या फैसला लूं, क्या पद से इस्तीफा दे दूं। हालांकि सीएम ने इस बारे में उनकी मांग के अनुसार कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है। 
 

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