विधानसभा में हारी सीटों पर कांग्रेस का फोकस, कमलनाथ बोले-बागियों को मनाएं
3/14/2019 12:13:56 PM
भोपाल: विधानसभा जीत से गदगद हो रही कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 'विन 29 ' का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी बहुत सावधानी बरती जा रही है। केवल उन्हीं प्रत्याशियों के नामों पर विचार किया जा रहा है, जो जीत दिलवा सके। वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले बागियों और भितरघातियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। कहीं ना कहीं इन्हीं बागियों के कारण पार्टी बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में असफल रही और सपा-बसपा और निर्दलीयों से गठबंधन करना पड़ा। इस बार बसपा-सपा ने मध्यप्रदेश में गठबंधन कर लिया है। लेकिन कांग्रेस को बाहर रखा है, जिसके चलते खेल बिगड़ने के आसार हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि 'लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए विधानसभा चुनाव में बागी होकर लड़े लोगों को मनाएं, इस बार कोई चूक नहीं होनी चाहिए, बागियों की नाराजगी दूर की जाए'।
कमलनाथ ने पदाधिकारियों को दी ये नसीहत
दरअसल, इन दिनों कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक रणनितियां बनाई जा रही है। विधानसभा में जीत के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी परचम लहराने को आतूर नजर आ रही है। इसी कड़ी में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के पार्टी पदाधिकारियों से संगठन की मजबूती लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 1 घंटे तक चर्चा की और लोकसभा चुनाव में हर हालत में जीत दर्ज कराने की बात कही। कमलनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि 'विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 150 सीटें मिलने की पूरी उम्मीद थी।
लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने से बागी होकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया, जिससे चुनाव नतीजों में कांग्रेस 114 सीटों पर सिमट कर रह गई। पार्टी के सर्वे में यह बात सामने आई कि उसे बागियों की वजह से करीब 40 सीटों पर नुकसान हुआ और जिससे पार्टी के प्रत्याशी जीत नहीं पाए। लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए विधानसभा चुनाव बागी होकर लड़े लोगों को मनाएं। बसपा, सपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी या अन्य कांग्रेस की विचारधारा से मेल-जोल रखने वाले लोगों को पार्टी में शामिल कराएं। इस बार कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। पार्टी का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने का है'।