कांग्रेस के दिग्गज नहीं बचा सके अपनी विधानसभा, मात्र दो दर्जन विधानसभाओं में कांग्रेस की बढ़त

Friday, Jun 07, 2024-04:26 PM (IST)

भोपाल: हाल ही में घोषित लोकसभा चुनाव परिणामों में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता भी अपनी विधानसभा नहीं बचा पाए, इसी का परिणाम है कि राज्य की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों में से मात्र लगभग दो दर्जन पर कांग्रेस के प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के मुकाबले में अपनी बढ़त बना सके। राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में जाने के बीच एक रोचक तथ्य ये भी सामने आया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता अपनी विधानसभा भी नहीं बचा सके और उन्हें भाजपा प्रत्याशियों के हाथों अपने क्षेत्र में भी हार का सामना करना पड़ा। लगभग 200 से ज्यादा सीटों पर भाजपा के ही प्रत्याशी बढ़त बनाए रहे। जीतू पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर संसदीय क्षेत्र की राऊ में लगभग यही स्थिति सामने आई। हालांकि इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं था, लेकिन दिलचस्प स्थित ये रहा कि राऊ में भाजपा प्रत्याशी शंकर ललवानी को सर्वाधिक एक लाख 84 हजार 20 वोट मिले, जो इस संसदीय क्षेत्र की अन्य सभी विधानसभा इंदौर एक, इंदौर दो, इंदौर तीन, इंदौर चार, इंदौर पांच, सांवेर और देपालपुर की तुलना में कहीं ज्यादा हैं।

जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के सभी नेताओं ने इंदौर में नोटा को ज्यादा से ज्यादा मत देने का अभियान चलाया था, इसी का परिणाम रहा कि राऊ में नोटा को 28 हजार 626 मत प्राप्त हुए। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापस ले लिया था और वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी के चलते इंदौर से कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं बचा था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गृह विधानसभा छिंदवाड़ा में भी यही स्थिति रही। पूर्व सीएम कमलनाथ यहां से विधायक हैं, लेकिन इस विधानसभा में उनके पुत्र और कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को भाजपा प्रत्याशी विवेक साहू से लगभग पांच हजार कम मत हासिल हुए। रतलाम की झाबुआ विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी भाजपा प्रत्याशी अनिता नागर सिंह चौहान से पीछे रहे। ये सीट भूरिया की परंपरागत सीट है और वर्तमान में यहां से उनके पुत्र डॉ विक्रांत भूरिया विधायक हैं। हालांकि इसी संसदीय क्षेत्र की सैलाना विधानसभा पर भूरिया को चौहान से ज्यादा मत हासिल हुए। कमोबेश यही स्थित मंडला की डिंडोरी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ओंकार सिंह मरकाम की हुई। मरकाम इसी सीट से विधायक हैं, लेकिन वे बतौर सांसद प्रत्याशी इस सीट से भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते से पराजित हो गए। उन्हें इसी संसदीय क्षेत्र की शहपुरा और लखनादौन सीट पर कुलस्ते से ज्यादा मत हासिल हुए।

हालांकि कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कमलेश्वर पटेल पार्टी के उन नेताओं में शामिल रहे, जिन्हें सांसद प्रत्याशी के तौर पर अपनी गृह विधानसभा में खासी बढ़त मिली। दिग्विजय सिंह जहां राजगढ़ संसदीय क्षेत्र की अपनी विधानसभा राघौगढ़ में भाजपा प्रत्याशी की तुलना में आगे रहे, वहीं कमलेश्वर पटेल ने भी सीधी से सांसद प्रत्याशी होते हुए अपनी विधानसभा सिंहावल में भाजपा प्रत्याशी डॉ राजेश मिश्रा को पछाड़ दिया। राज्य की कुल 230 विधानसभाओं में से मात्र 22 पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने भाजपा प्रत्याशियों की तुलना में बढ़त बनाई। इनमें मुरैना की सबलगढ़, जौरा और मुरैना, भिंड की गोहद और सेवढ़ा, ग्वालियर की ग्वालियर पूर्व, भितरवार और डबरा, सीधी की सिंहावल, मंडला की शहपुरा और लखनादौन, भोपाल की भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य, रतलाम की सैलाना, धार की गंधवानी, कुक्षी और मनावर, खरगोन की भगवानपुरा, पानसेमल और सेंधवा के साथ ही खंडवा की बुरहानपुर विधानसभा शामिल है। धार संसदीय क्षेत्र की गंधवानी विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की गृह विधानसभा है। यहां से भी कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त हासिल हुई।


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meena