राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड़ कांड की जांच के लिए 2 सदस्यीय कमेटी गठित

2/12/2020 11:58:05 AM

भोपाल: मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड़ कांड की जांच के लिए गठित होने वाली कमेटी में प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग संजय दुबे और एडीजी उपेन्द्र जैन होंगे। सरकार ने पुलिस और प्रशासन की अलग-अलग रिपोर्ट मिलने के बाद वरिष्ठ अफसरों की कमेटी से इस मामले की जांच का निर्णय लिया है। कमेटी आदेश मिलने के तीन दिन में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। बुधवार को आदेश जारी होने के बाद संभवत: गुरुवार को दोनों अफसर राजगढ़ जाकर मामले से जुड़े पहलुओं की जांच करेंगे। कमेटी सिर्फ एएसआई थप्पड़ केस मामले में ही जांच करेगी। संभावना जताई जा रही है कमेटी शनिवार रात तक अपनी रिपोर्ट दे देगी।

कलेक्टर के थप्पड़ मारने के मामले की जांच डीएसपी से कराने से मुख्यमंत्री नाखुश थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव को सीनियर अफसरों की कमेटी बनाने के आदेश दे दिए थे। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि राज्य सरकार के पास थप्पड़ कांड की दो अलग-अलग रिपोर्ट पहुंची थीं। पहली रिपोर्ट पुलिस की है। डीएसपी की इस जांच रिपोर्ट में कलेक्टर का एएसआई को थप्पड़ मारना प्रमाणित पाया गया है, जबकि राजगढ़ जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई एडीएम की जांच रिपोर्ट में थप्पड़ का जिक्र ही नहीं है, लेकिन कलेक्टर का एएसआई को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आ चुका है।

वहीं डीएसपी की जिस जांच रिपोर्ट का हवाला देकर डीजीपी वीके सिंह ने कलेक्टर पर कार्रवाई के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा था, उस रिपोर्ट को गृह विभाग ने नकार दिया था। विभाग की ओर से शासन को नोटशीट लिख दी गई है कि यह जांच अवैधानिक है। लिहाजा कार्रवाई का सवाल ही नहीं बनता। गृह विभाग की ओर से भेजी गई फाइल में पीड़ित पुलिसकर्मी एएसआई और ड्राइवर का पत्र भी है, जिसमें थप्पड़ शब्द का जिक्र ही नहीं। ड्राइवर की ओर से बताया गया है कि एएसआई की शिकायत में सिर्फ झंझोड़ने शब्द का जिक्र है। इस बीच प्रशासनिक स्तर पर एडीएम की ओर से भी एक रिपोर्ट शासन को मिली है, जिसमें तहसीलदार का बयान है। तहसीलदार ने बयान में कहा है कि थप्पड़ मारने जैसी कोई घटना ही नहीं हुई। एडीएम ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेजी थी।

 

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh