जान जोखिम में डाल गर्भवती को पार करवाई उफनती नदी, फिर भी बच्चे को नहीं मिल पाई जिंदगी

7/27/2021 5:41:13 PM

छिंदवाड़ा(साहुल सिंह): मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर चरमराई हुई है इसका उदाहरण छिंदवाड़ा जिले में देखने को मिला। जहां एक गर्भवती महिला को उफनती नदी पार करवा अस्पताल ले जा रहे हैं। लेकिन अफ़सोस की बात तो ये है कि देरी होने की वजह से महिला का बच्चा गर्भ ही मर गया। एक तरफ तो सरकार कहती नजर आ रही है कि जलभराव वाले एरिया में टीमें भेजी गई है तो दूसरी ओर ऐसी दर्दनाक तस्वीरें सामने आती है जो सरकार के बड़े बड़े दावों की पोल खोलती है।



बेहद संवेदनशील यह मामला छिंदवाड़ा के गांव टेकढ़ाना का है जहां पर लोगों ने ग्राम की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए खाट पर लिटाकर उफनती नदी को पार करवाया। दुर्भाग्य से इतनी जानों का जोखिम उठाने के बाद भी नवजात की जान नहीं बचाई जा सकी। महिला को प्रसव के लिए रामपुर ले जाया गया, जहां से उसे दमुआ अस्पताल रेफर किया गया लेकिन फिर भी बच्चे की जान नहीं बच सकी। इस गांव तक जाने के लिए सड़क तो बन गई है, लेकिन अभी तक ना तो पुल स्वीकृत हुआ है और ना ही इस दिशा में कोई प्रयास किए गए हैं। शहर मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर टेकाढ़ाना पंचायत से लगी भडांगा नदी का पाट करीब 109 मीटर का है,  नदी में पानी होने की अवस्था में यह गांव टापू बन जाता है। स्थानीय निवासियों ने कई बार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया लेकिन किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया है। 



ऐसे में जब भी बरसात का मौसम आता है तो ग्राम वासियों के लिए दिक्कत खड़ी हो जाती हैं। सिर्फ मरीज ही नहीं स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्र भी इसी तरह से इस नदी को पार करते हैं। ग्रामीणों के बार-बार मांग करने के बावजूद भी अभी तक किस नदी पर पुल बनाने का कोई प्रयास नहीं हुआ है जिसका खामियाजा ग्रामवासी भुगत रहे हैं। और यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। लेकिन जिम्मेदारों के सिर जूं तक नहीं रेंगती। 

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This news is Content Writer meena