कांकेर-नारायणपुर के सरहदी गांव को नारायणपुर में विलय की मांग तेज हुई, ग्रामीणों ने चक्काजाम किया
2/15/2022 2:44:19 PM
कांकेर (लीलाधर निर्मलकर): कांकेर और नारायणपुर के सरहदी गांव को एक बार फिर नारायणपुर जिले में विलय की मांग तेज हो गई है। इससे पहले भी रावघाट और कोलर अंचल के सैकड़ों ग्रामीण पैदल यात्रा कर रायपुर पहुंचे थे और राज्यपाल मुलाकात कर कुछ गांवों को नारायणपुर में मिलाने की मांग रखी थी।
ग्रामीणों ने जाम किया स्टेट हाईवे
कांकेर जिला के 58 गांव के लोगों ने नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर स्टेट हाइवे में चक्काजाम कर दिया है। कांकेर के अन्तागढ़ ब्लॉक होते हुए नारायणपुर जाने वाले मार्ग में हजारों ग्रामीण सड़क जाम कर विरोध जता रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि जिला मुख्यालाय से दूरी अधिक होने के कारण विकास कार्य उनके क्षेत्र में नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही कई कामों के लिए उन्हें सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ 20 से 30 किलोमीटर है। ग्रामीण दो दिनों तक स्टेट हाइवे जाम करने की बात कह रहे हैं। इससे पहले भी कोलर क्षेत्र के 58 गांव के ग्रामीण राज्यपाल से मिलने पदयात्रा कर राजधानी रायपुर गए थे।
काम के लिए ग्रामीणों को जाना पड़ता है कांकेर
नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कांकेर के 58 गांव के ग्रामीण साल 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से जिले में शामिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुंचाने में लगे हुए है. इनमें से कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- बअर्रा, मुल्ले और करमरी ग्राम पंचायत शामिल है। इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कामों के लिए 150 किलोमीटर का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।