देवप्रभाकर शास्त्री जी की राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, आशुतोष राणा और संजय पाठक ने दिया कंधा

5/18/2020 3:47:57 PM

कटनी(संजीव वर्मा): गृहस्थ संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार झिंझरी स्थित दद्दा धाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ। अर्थी को कंधा एक्टर आशुतोष राणा और विधायक संजय पाठक ने दिया। उनके बेटे अनिल शात्री ने उन्हें मुखाग्नि दी। इसके पूर्व उन्हें गॉड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई मौके पर हजारों की संख्या में दद्दा जी के शिष्य मौजूद रहे।



दद्दा जी के अंतिम दर्शन के लिए उनके परम शिष्यों का आना लगातार बना हुआ था। राजनेताओं एवं अभिनेता अपने गुरु के अंतिम दर्शन के लिए दद्दा धाम कटनी पहुंचे। शनिवार के दिन दद्दा जी को दिल्ली के गंगा राम हॉस्पिटल वेंटिलेटर से कटनी लाया गया था। तब से ही शिष्यों का आना बना हुआ था।



उनके परम शिष्य में शामिल अभिनेता आशुतोष राणा और रजापाल यादव का कहना है कि वे आज जो कुछ भी है दद्दा जी के आशिर्वाद से हैं। संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री के कहने पर ही उन्होंने बॉलीवुड की ओर रुख किया था और कामयाबी हासिल की।

वहीं भाजपा विधायक संजय पाठक का कहना है कि परम पूज्य गुरूदेव पं. देवप्रभाकर जी शास्त्री दद्दाजी कहीं नहीं गए हैं दद्दा जीवन पर्यन्त हम शिष्यों के साथ रहेंगे सिर्फ उन्होंने अपना शरीर देह त्यागा है लेकिन उनका आशीर्वाद, स्नेह, मार्गदर्शन सदैव-सदैव हमारे जीवन पर, भक्तजनों पर सम्पूर्ण भारतवर्ष पर बना रहेगा।



आपको बता दें कि देश की कईं नामी हस्तियों के आध्यात्मिक गुरु और गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी का जन्म स्थान कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील का कूड़ा मर्दानगढ़ गांव है। उनका वर्तमान आश्रम घनश्याम बाग कूड़ा में है। उनका प्रमुख कार्य खेती था। उन्होंने राष्ट्र कल्याण के उद्देश्य से 1980 से जबलपुर से पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने अपने जीवन काल में सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण के 108 से अधिक आयोजन किए।

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