छत्तीसगढ़ के एकनाथ शिंदे बनने का काम कर रहे धर्मजीत, रेणु जोगी ने बताई धर्मजीत सिंह को निष्काषित करने की वजह

9/20/2022 5:24:09 PM

रायपुर( शिवम दुबे): छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) की चर्चा सियासी गलियारों में गरमाई हुई है। सोमवार को धर्मजीत सिंह ने पार्टी से निष्कासित होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित जोगी पर कई बेहद गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद आज मंगलवार को अमित जोगी और रेणु जोगी ने प्रेस वार्ता कर जवाब दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेणु जोगी ने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन का सबसे दुखद पल है, जिनको मैंने छोटा भाई माना उनको मैंने ही अपनी कलम से निष्कासित किया। लेकिन धर्मजीत सिंह छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र की तरह एकनाथ शिंदे बनने का काम कर रहे हैं, पूरे देश में बीजेपी ने 31 जुलाई 2022 को ऑपरेशन लॉट्स प्रारंभ किया है।

छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन लॉट्स के जरिए अजीत जोगी की सपनों की पार्टी को उसी श्रेणी में जैसा महाराष्ट्र में शिवसेना, झारखंड और बिहार के साथ हुआ। उसी क्रम में हमारी पार्टी को क्षति पहुंचाया जा रहा हैं। विश्वसनीय जानकारी थी कि बहुत जल्द जोगी कांग्रेस को बीजेपी में विलय करने का प्रयास किया जा रहा हैं। कुछ महीने पहले से दिल्ली से रायपुर तक पटकथा लिखी जा रहे हैं। विधायकों से चर्चा कर किसी के बहकावे में न आने को कहा था। 27 अगस्त को बिना जानकारी दिए 2 लोग रायपुर में केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुए और बीजेपी के नेताओं से मुलाकात की है। 1 सितंबर को मैं दिल्ली में भर्ती हुई थी। दोनों विधायक दिल्ली में रहते हुए मुझसे मिलने नहीं आए।

धर्मजीत मुंबई के हॉस्पिटल में हार्ट का इलाज कराने गए थे तो अमित मिलने गए थे। छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी से दिल्ली में मिलते रहे और साजिश करते रहे। हजारों कार्यकर्ताओं के इच्छा के विरुद्ध सोच और विचारधारा के विरोध जाकर पार्टी का बीजेपी में जबरन विलय करने का षड्यंत्र रचा जा रहा था। अजीत जोगी के स्वाभिमान की पार्टी छग के एससी एसटी समाज के पिछड़ों गरीबों की आशाओं की पार्टी है। पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए भारी मन से निष्कासित किया गया। सब का एकमत था की पार्टी को बचाना है। राजनीतिक जीवन का सबसे दुखद पल है। मेरे छोटे भाई तुल्य को निष्कासित करना पड़ा। ये कल्पना करना भी जोगी के दिवंगत आत्मा को अपमानित करना है। जनता कांग्रेस बीजेपी में विलय का कभी नहीं हो सकता है। मेरे पास कोई विल्कप नहीं बचा था। उनको विधायक दल का नेता चुना गया। पेंड्रा में अंतिम सभा हुई हुई तो धर्मजीत सिंह को दिया गया था। जहां तक संस्कार की बात है तो अमित जोगी श्रवण कुमार की तरह है।

वहीं आखिर में अमित जोगी ने कहा कि भावना में बहकर मैंने ऐसा कहा। उनकी पत्नी मेरे माता तुल्य है और अपनी अनुचित बात के लिए सदैव क्षमा प्रार्थी हूं। वो खुद का फोन उठाते नहीं है। गाली गलौज का आरोप हत्या की साजिश इसका कोई प्रमाण है उनके पास? अमित जोगी ने आगे कहा कि निश्चित रूप से बीजेपी का ऑपरेशन दिल्ली में आम आदमी के साथ अभी भी चल रहा है। निधन का फायदा उठाना चाहते थे। खून पसीने की पार्टी को ऐसे खत्म होने देते। पीठ के पीछे या बीजेपी प्रेम था। एक सीमा तक उनका साथ दे सकते थे। मेरे पापा हमेशा बोलते थे वो मेरी बात काट देते थे लेकिन धर्मजीत की बात नहीं काटते थे।

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