50 साल पुराने रिश्तों पर फिर मुहर: दिग्विजय–कमलनाथ की मुलाकात ने अटकलों पर लगाया विराम
Friday, Sep 12, 2025-10:40 AM (IST)

भोपाल। (इजहार खान): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की और अपने पारिवारिक व राजनीतिक रिश्तों का जिक्र किया। सोशल मीडिया पर साझा की गई पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि कमलनाथ जी और उनके बीच लगभग 50 वर्षों से पारिवारिक संबंध रहे हैं। राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और यह स्वाभाविक भी है, लेकिन कांग्रेस में रहते हुए दोनों ने हमेशा विचारधारा की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे।
दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि उनके बीच छोटे-मोटे मतभेद कभी-कभी रहे हैं, लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें और कमलनाथ दोनों को पर्याप्त अवसर दिए और जनता का प्यार भी निरंतर मिलता रहा। पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वे दोनों मिलकर आगे भी कांग्रेस के नेतृत्व में जनता के हित में सेवा करते रहेंगे। पोस्ट के अंत में दिग्विजय सिंह ने “जय सिया राम” लिखते हुए अपने संदेश को समाप्त किया।
इस पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं,खासकर मध्यप्रदेश कांग्रेस की मौजूदा राजनीति के संदर्भ में।
मनमुटाव की अटकलों पर विराम
पिछले कुछ महीनों से खबरें आ रही थीं कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं। कांग्रेस में खेमेबाज़ी की चर्चाएँ तेज थीं। इस पोस्ट के जरिए दिग्विजय सिंह ने यह संदेश दिया है कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं, यानी दोनों नेता एकजुट हैं।
कार्यकर्ताओं को मैसेज
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच यह संदेश गया कि दोनों दिग्गज नेताओं के रिश्ते मजबूत हैं और वे मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। इससे संगठन में एकजुटता का सिग्नल गया।
केंद्रीय नेतृत्व को संकेत
यह पोस्ट कांग्रेस आलाकमान को भी इशारा है कि मध्यप्रदेश में बड़े नेता आपसी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं और भविष्य में भी करेंगे।
राजनीतिक रणनीति
मध्यप्रदेश में आने वाले निकाय चुनावों और 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यह दिखाना ज़रूरी था कि कांग्रेस का नेतृत्व विभाजित नहीं है।
धार्मिक-सांस्कृतिक संदेश
पोस्ट के अंत में “जय सिया राम” लिखना भी एक प्रतीकात्मक संदेश है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस भी धार्मिक भावनाओं से जुड़ी भाषा का इस्तेमाल कर रही है ताकि भाजपा की राजनीति का जवाब अपने तरीके से दिया जा सके।